CRPF Jawan : सीआरपीएफ से सेवा से हटाए गए जवान मुनीर अहमद ने अब पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तानी नागरिक मीनल खान से विवाह की पूरी जानकारी उन्होंने विभाग को समय रहते दे दी थी, साथ ही सभी ज़रूरी दस्तावेज़ भी जमा कराए थे। अहमद का कहना है कि पत्नी के लॉन्ग टर्म वीजा से संबंधित कागज़ात भी पहलगाम आतंकी हमले के बाद प्रस्तुत किए गए थे, इसके बावजूद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुनीर अहमद ने कहा, “सीआरपीएफ ने मुझे जो वजह बताई वह यह थी कि मैंने अपनी पत्नी को भारत में रखा और विभाग को इसकी जानकारी नहीं दी। लेकिन हकीकत यह है कि मैंने समय रहते विभाग को सूचित किया था। मेरे पास इसके सभी प्रमाण और दस्तावेज़ मौजूद हैं।”
पूछताछ में दी सफाई
अहमद ने आगे बताया, “26 मार्च को जब मैं सुंदरबनी मुख्यालय पहुँचा तो अचानक मुझसे कहा गया कि मैं 41वीं बटालियन में जाकर रिपोर्ट करूं। मुझे इसके लिए कोई टिकट भी नहीं दिया गया। वहां पहुंचकर मैंने इंटरव्यू में अपनी पूरी बात रखी। इसके अलावा, मैंने डीजी (महानिदेशक) को पत्र लिखकर पूरी स्थिति स्पष्ट की थी।”
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पीएम मोदी से लगाई इंसाफ की गुहार
अपने ऊपर हुई कार्रवाई को लेकर निराश मुनीर अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इंसाफ की मांग की है। उन्होंने कहा, “जब पहलगाम हमला हुआ, उस वक्त मेरी पत्नी का वीजा आवेदन प्रक्रिया में था। लेकिन अगले ही दिन मुझे बर्खास्त किए जाने की सूचना मिल गई। मैं एक जवान हूं, अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा था। आखिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ? मुझे न्याय चाहिए।” अहमद का कहना है कि उन्होंने कोई जानकारी छुपाई नहीं थी और पूरी पारदर्शिता से काम लिया, इसके बावजूद उन्हें सेवा से हटाना उनके साथ अन्याय है।