Pakistan Air Base : भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रभाव से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखलाया हुआ दिखाई दे रहा है। इसी घबराहट में उसने बीती रात ‘फतेह-2′ मिसाइल के साथ-साथ कई ड्रोन हमलों को अंजाम देने की कोशिश की, जिन्हें भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह विफल कर दिया। इस बीच, पाकिस्तानी सेना ने यह आरोप लगाया है कि भारत ने छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं और चार प्रमुख पाकिस्तानी एयरबेस को लक्षित किया है।
इन घटनाओं के मद्देनज़र पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों से अपने कुछ एयरबेस को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है और ‘नोटम’ (Notice to Airmen) जारी कर दिया गया है, जिससे आसमान में उड़ान संचालन पर असर पड़ा है। फिलहाल भारत सरकार की ओर से इन आरोपों की कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पाकिस्तान के पास कुल कितने एयरबेस हैं?
‘फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास कुल 40 सैन्य एयरबेस हैं। इनमें से लगभग 30 एयरबेस ऐसे हैं जिन्हें युद्ध की स्थिति में परमाणु हमलों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। शोरकोट, कराची स्थित मसरूर, क्वेटा का समुंगली, कामरा स्थित मिन्हास और पेशावर कुछ प्रमुख एयरबेस हैं।
पाकिस्तान के एयरबेस को तीन श्रेणियों में बांटा गया है:
मेजर ऑपरेशनल बेस – ये पूरी तरह क्रियाशील और नियमित हवाई संचालन के लिए तैयार रहते हैं।
फॉरवर्ड ऑपरेशनल बेस – ये सामान्य समय में सक्रिय तो रहते हैं, लेकिन युद्ध जैसी स्थिति में इन्हें तुरंत पूरी तरह ऑपरेशनल बनाया जा सकता है।
सैटेलाइट बेस – इनका उपयोग सामान्य समय और युद्ध दोनों स्थितियों में आपातकालीन लैंडिंग और विमानों की रिकवरी के लिए किया जाता है।
यह भी पढ़ें : भारतीय सैनिकों के रोने से लेकर एयरपोर्ट धमाकों तक…. PIB Fact Check…
इसके अलावा पाकिस्तान में करीब दो दर्जन नागरिक हवाई अड्डे भी हैं, जिनका सैन्य जरूरतों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें से कुछ पूरी तरह नागरिक उपयोग के लिए हैं, जबकि अन्य में सीमित रनवे और सुविधाएं मौजूद हैं। पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया पर बात करें तो, ISPR (Inter-Services Public Relations) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भारत ने जालंधर के आदमपुर एयरबेस से छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने भारत की इस कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना और अत्यंत खतरनाक बताया है। जनरल अहमद ने चेतावनी दी कि अगर भारत की यह आक्रामक नीति जारी रही तो हालात और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं।