DGMO talks: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव के बाद आज दोपहर 12 बजे दोनों देशों के डीजीएमओ की बातचीत होनी है। भारत की निर्णायक सैन्य कार्रवाइयों और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान (DGMO) बैकफुट पर आ चुका है। इस बैठक में युद्धविराम की शर्तों को और मजबूत किया जाएगा। भारत की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई पाकिस्तान को साफ संकेत देंगे कि सीजफायर का मतलब कमजोरी नहीं, बल्कि रणनीतिक संयम है। पाकिस्तान को अब भारत के सख्त रुख के आगे समझौते की शर्तों का पूरी तरह पालन करना ही होगा। उम्मीद की जा रही है कि ये बातचीत क्षेत्रीय शांति के लिए भारत की बढ़त को और पुख्ता करेगी।
रणनीति का असर, पाकिस्तान पर बना दबाव
भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत (DGMO) जो कड़ी सैन्य कार्रवाई की, उसने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को झकझोर कर रख दिया। नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने के अलावा, 100 से ज्यादा आतंकवादियों को मारा गया, जिनमें बड़े नाम यूसुफ अजहर और मुदासिर अहमद भी शामिल हैं। इससे पाकिस्तान की रणनीतिक हालत डगमगा गई है। इस हमले ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत अब सिर्फ चेतावनी नहीं, ठोस जवाब देने में विश्वास रखता है।
सीजफायर के बाद पहली बातचीत
7 से 10 मई तक की सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। नियंत्रण (DGMO) रेखा पर 40 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और 11 एयरबेस तबाह हो गए। इसके बाद पाकिस्तान ने बातचीत का प्रस्ताव रखा। अब DGMO बातचीत में भारत शांति के पक्ष में रहते हुए स्पष्ट करेगा कि किसी भी उल्लंघन का जवाब मुंहतोड़ तरीके से दिया जाएगा।
सीमाओं पर स्थिरता के लिए भारत प्रतिबद्ध
हालांकि सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान की ओर से कुछ गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियां सामने आईं, लेकिन भारत ने तत्काल, सटीक और अनुशासित जवाब दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्पष्ट किया है कि भारत शांति चाहता है, पर मजबूती के साथ। आज की DGMO बातचीत इस दिशा में एक और कदम होगी, लेकिन भारत किसी भी स्थिति के लिए तैयार है।
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