Auto News: आज के समय में एक नई कार या बाइक खरीदना आम आदमी के लिए बहुत मुश्किल हो गया है। गाड़ियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोग सोचते हैं कि गाड़ियों की कीमत सिर्फ कंपनी तय करती है, लेकिन हकीकत इससे कहीं ज्यादा जटिल है। जब आप कोई गाड़ी खरीदते हैं, तो उसमें कंपनी, डीलर और सरकार – तीनों की कमाई जुड़ी होती है। आइए जानते हैं, कि आपकी जेब से निकला पैसा सबसे ज्यादा किसके पास जाता है।
डीलर को कितना फायदा होता है?
डीलर को मिलने वाला फायदा कई बातों पर निर्भर करता है – जैसे गाड़ी कौन-सी है, उसका ब्रांड क्या है और वो कहां बेची जा रही है। आमतौर पर एक डीलर को गाड़ी की बिक्री पर 3% से 8% तक का मुनाफा होता है। कभी-कभी यह मुनाफा 10% से 15% तक भी पहुंच सकता है, खासकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों में। इसके अलावा डीलर एक्सेसरीज, बीमा और फाइनेंस जैसे एक्स्ट्रा चीजों से भी अच्छी कमाई कर लेते हैं।
कंपनी को कितनी कमाई होती है?
वाहन बनाने वाली कंपनियों की कमाई भी अलग-अलग होती है। सियाम (SIAM) की एक रिपोर्ट के अनुसार
दो-पहिया वाहनों पर: कंपनियों को लगभग 9% तक का मुनाफा मिलता है।
कारों पर: कंपनियां 5% से 6% तक कमाती हैं।
कमर्शियल गाड़ियों पर: मुनाफा सबसे कम होता है, करीब 3% से 4% तक।
यानि कंपनी को जो गाड़ी बनाकर बेचने से फायदा होता है, वो बहुत ज्यादा नहीं होता, लेकिन फिर भी दो-पहिया गाड़ियों में सबसे ज्यादा कमाई होती है।
सरकार को कितना फायदा होता है?
सरकार को गाड़ी की बिक्री पर सबसे ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि हर गाड़ी पर कई तरह के टैक्स लगते हैं। इसमें शामिल हैं:
GST (28%)
रोड टैक्स (10-15%)
सेस (1% से लेकर 22% तक)
जब इन सभी टैक्स को मिलाकर देखा जाए, तो सरकार को हर गाड़ी पर लगभग 50% तक का फायदा होता है। यानी जितनी कमाई कंपनी और डीलर मिलकर करते हैं, उससे कहीं ज्यादा सरकार ले जाती है।नई गाड़ी खरीदते वक्त सबसे ज्यादा पैसा सरकार के खाते में जाता है। कंपनी और डीलर को थोड़ा-थोड़ा फायदा होता है, लेकिन सरकार टैक्स के जरिए सबसे ज्यादा कमाई करती है।