IndiGo flight turbulence: 21 मई 2025 को दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो की एक फ्लाइट भीषण टर्बुलेंस की चपेट में आ गई, जब विमान पंजाब के अमृतसर के ऊपर उड़ रहा था। मौसम बिगड़ने पर पायलट ने तत्काल लाहौर ATC से पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति मांगी, जिससे खतरे से बचा जा सके। लेकिन पाकिस्तान ने यह मानवीय अपील ठुकरा दी। इसके चलते विमान को गंभीर झटकों का सामना करना पड़ा और यात्रियों की जान संकट में आ गई। इस घटना ने एक बार फिर पाकिस्तान की अमानवीय और असहयोगी नीति को उजागर कर दिया है। भारत में इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है और विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के इस रवैये की निंदा कर रहे हैं।
विमान में मचा हड़कंप, पाकिस्तान ने बढ़ाई मुश्किलें
IndiGo की यह फ्लाइट जब अमृतसर के ऊपर से गुजर रही थी, तभी आसमान में तेज़ ओलावृष्टि और हवा के तेज़ थपेड़ों ने स्थिति को बेहद खतरनाक बना दिया। पायलट ने तुरंत लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर पाकिस्तान के एयरस्पेस से होकर गुजरने की इजाजत मांगी। यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है, खासकर जब जान जोखिम में हो। लेकिन पाकिस्तान ने इस मानवीय अपील को ठुकरा दिया और विमान को अपने मूल मार्ग से ही आगे बढ़ने को कहा। इसी दौरान विमान ने गंभीर टर्बुलेंस झेली, जिसमें 227 यात्री डर और घबराहट से चीखने-चिल्लाने लगे।
भारत में गुस्सा, पाकिस्तान की आलोचना तेज़
इस घटना ने भारत में राजनीतिक और जनमानस के स्तर पर आक्रोश को जन्म दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय उड़ान सुरक्षा नियमों का सीधा उल्लंघन है। अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) की गाइडलाइनों के अनुसार, किसी भी आपात स्थिति में मानवीय दृष्टिकोण सर्वोपरि होता है। लेकिन पाकिस्तान ने इसे दरकिनार कर एक बार फिर साबित कर दिया कि उसके लिए राजनीतिक द्वेष मानव जीवन से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
इंडिगो और DGCA से जवाबदेही की मांग
अब तक IndiGo की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, वहीं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से भी विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। यात्रियों के परिजन इस घटना को लेकर चिंतित हैं और इंडिगो व संबंधित एजेंसियों से पारदर्शी जांच और उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान का यह अड़ियल रवैया न केवल मानवीय मूल्यों के खिलाफ है बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरा है। भारत को चाहिए कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस घटना को उठाए और पाकिस्तान की जवाबदेही सुनिश्चित करे।