तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासन
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने X अकाउंट पर Tej Pratap को पार्टी और परिवार से पूरी तरह अलग करने का ऐलान किया। उन्होंने तेज प्रताप के व्यवहार को परिवार और पार्टी के मूल्यों के खिलाफ बताते हुए कहा कि तेज प्रताप का लोकलाज और सामाजिक मूल्यों की अनदेखी पार्टी के लिए नुकसानदेह है। लालू ने साफ कहा कि तेज प्रताप अब पार्टी और परिवार की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
Tej Pratap-अनुष्का विवाद ने बढ़ाई मुश्किलें
Tej Pratap ने हाल ही में अपनी 12 साल पुरानी रिलेशनशिप का खुलासा किया था, जिसे बाद में उन्होंने हैकिंग का हवाला देते हुए खारिज कर दिया। इस विवाद ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तूफान मचा दिया। तेज प्रताप का विवादित निजी जीवन और 2018 की असफल शादी ने उनके राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े किए थे।
चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल?
विश्लेषकों के अनुसार, लालू का यह कदम 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की छवि को बचाने की कोशिश है। कई लोगों ने इसे चुनावी रणनीति और डैमेज कंट्रोल करार दिया है, जबकि कुछ समर्थकों ने इसे सही कदम बताया है।
लालू परिवार और भ्रष्टाचार के आरोप
लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के कई मामले पहले से दर्ज हैं, जिनमें चारा घोटाला और रेलवे टेंडर घोटाला प्रमुख हैं। तेज प्रताप और उनके भाइयों के खिलाफ भी कई आरोप लगते रहे हैं, जिससे परिवार की छवि प्रभावित हुई है।
तेज प्रताप का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित
Tej Pratap यादव बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन उनके विवादित व्यवहार और राजनीतिक संघर्षों ने उनके भविष्य को अनिश्चित बना दिया है। इस निष्कासन के बाद उनकी पार्टी में भूमिका लगभग समाप्त हो गई है। लालू प्रसाद यादव का तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से अलग करने का फैसला बिहार की राजनीति में एक बड़ा सियासी और पारिवारिक झटका है। 2025 के चुनावों से पहले यह कदम पार्टी की छवि सुधारने की कोशिश लग रहा है, लेकिन इस फैसले का असर और तेज प्रताप के राजनीतिक भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी।
NDA Meet से निकले सियासी संकेत: ऑपरेशन सिंदूर को सलाम, जातिगत जनगणना पर सहमति और…?