how to handle stubborn behavior in children through better parenting : अगर आपका बच्चा आजकल छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाता है, आपकी बात नहीं मानता या हर बात पर “ना” कह देता है, तो परेशान न हों। ये अकेले आपके घर की बात नहीं है। ज्यादातर माता-पिता को कभी न कभी इस तरह की परेशानी का सामना करना ही पड़ता है। कई बार हम सोचते हैं कि बच्चा बस थोड़ा सा बिगड़ गया है, लेकिन असल में इसके पीछे हमारी कुछ आदतें या परवरिश के तरीके ज़िम्मेदार हो सकते हैं। जानिए ऐसी बड़ी गलतियाँ जो अनजाने में आप करते हैं, और जिनसे बचकर आप अपने बच्चे को बेहतर दिशा दे सकते हैं।
हर बात में झुक जाना
जब बच्चा रोता है, चिल्लाता है या गुस्सा करता है, तो हम सोचते हैं कि उसे चुप कराना ही सबसे जरूरी है। इसलिए हम उसकी हर मांग मान लेते हैं। यही सबसे बड़ी गलती है। इससे बच्चे को लगता है कि अगर वो रोएगा या जिद करेगा, तो उसकी हर बात मानी जाएगी। धीरे-धीरे ये उसकी आदत बन जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आप “ना” कहना भी सीखें। बच्चे को समझाएं कि हर इच्छा पूरी नहीं हो सकती।
ज्यादा डांटना या गुस्सा करना
कई बार हम गुस्से में आकर बच्चे को डांट देते हैं या चिल्ला उठते हैं। लेकिन ये तरीका बच्चे को और जिद्दी बना सकता है। वो या तो डर जाएगा या फिर आपकी बातों को अनदेखा करना शुरू कर देगा। बात को प्यार और समझदारी से कहना ज्यादा असरदार होता है। कोशिश करें कि आप शांति से बच्चे को समझाएं कि उसका व्यवहार सही नहीं है, और उसके क्या नतीजे हो सकते हैं।
तुलना करना
“देखो, पड़ोस का बच्चा कितना समझदार है” इस तरह की तुलना बच्चे के मन में हीन भावना पैदा करती है। वो खुद को कमज़ोर समझने लगता है या फिर ज़िद करके दिखाना शुरू कर देता है कि वो भी कुछ कर सकता है। हर बच्चा अलग होता है, उसकी अपनी खूबियाँ होती हैं। उसकी तुलना किसी और से न करें, बल्कि उसे उसकी अच्छाइयों के लिए सराहें और सही दिशा में प्रोत्साहित करें।
बच्चे के जिद्दी व्यवहार के पीछे कई बार हमारी छोटी-छोटी पेरेंटिंग गलतियाँ होती हैं। प्यार के साथ ‘ना’ कहना, गुस्से से बचना और तुलना न करना ये तीन बातें अपनाकर आप अपने बच्चे को बेहतर ढंग से समझा सकते हैं।