Yogi Sarkar: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के आपदा प्रबंधन और जन सुरक्षा को नया बल देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी 75 जिलों में नागरिक सुरक्षा विभाग (सिविल डिफेंस) की इकाइयां स्थापित की जाएंगी। राज्यपाल द्वारा 29 मई की रात अधिसूचना जारी कर शेष 49 जिलों को भी इस प्रणाली से जोड़ दिया गया। 1962 में चीन के आकस्मिक आक्रमण के समय शुरू हुई यह व्यवस्था अब 62 वर्षों बाद पूरे राज्य में लागू की गई है। इससे न केवल रक्षा के समय, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और सामाजिक जागरूकता अभियानों में भी सिविल डिफेंस की सक्रिय भूमिका दिखाई देगी।
सिविल डिफेंस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विस्तार
उत्तर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा विभाग की स्थापना वर्ष 1962 में चीन के आकस्मिक आक्रमण के दौरान की गई थी। उस समय प्रदेश के 14 संवेदनशील नगरों में इसकी इकाइयां गठित की गई थीं, जिनमें लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, कानपुर, मेरठ जैसे नगर शामिल थे। इन इकाइयों का प्रमुख उद्देश्य हवाई हमलों के दौरान जन-धन की क्षति को न्यूनतम करना, औद्योगिक उत्पादन बनाए रखना और जनता का मनोबल ऊंचा रखना था।
बाद में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (चंदौली) को जोड़कर इनकी संख्या 15 कर दी गई। इसके बाद वर्षों तक यह ढांचा सीमित दायरे में ही रहा, लेकिन 2015 में बागपत और मुज़फ्फरनगर तथा 2021 में नौ अन्य जिलों में सिविल डिफेंस का विस्तार हुआ।
अब पूरे प्रदेश में तैनात होंगी नागरिक सुरक्षा इकाइयां
अब उत्तर प्रदेश Yogi Sarkar ने शेष 49 जिलों में भी नागरिक सुरक्षा इकाइयों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही राज्य के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस की तैनाती पूरी हो गई है। नागरिक सुरक्षा अब केवल युद्धकालीन या आपदा के समय ही नहीं, बल्कि समाज कल्याण, जागरूकता और स्थानीय सहायता सेवाओं में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी।
Yogi Sarkar ने सिविल डिफेंस अधिकारियों और स्वयंसेवकों को सफाई अभियान, पोलियो उन्मूलन, प्रदूषण नियंत्रण, अग्निकांड सहायता, रक्तदान शिविर और पर्यावरण सुरक्षा जैसे कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। यह कदम प्रदेश की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत करेगा।