AI Tool : 1962 में आई ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म असली नकली का मशहूर गाना “लाख छुपाओ छुप न सकेगा…” उस समय एक रोमांटिक गाना था, लेकिन इसकी ये लाइनें आज सच साबित हो रही हैं। अब एक ऐसा एआई टूल आ गया है जो चेहरे के हाव-भाव से सच और झूठ पकड़ सकता है।और वो भी सिर्फ 90 सेकंड में!
क्या है एमोस्केप?
पुणे की निहिलेंट टेक्नोलॉजीज ने एक खास एआई टूल तैयार किया है। एमोस्केप (EmoScape)। इसका मतलब है इमोशनल लैंडस्केप यानी भावनाओं का नक्शा। ये टूल इंसान के चेहरे की मांसपेशियों और हाव-भाव को देखकर उसकी असली भावनाएं पकड़ सकता है। चाहे इंसान बाहर से मुस्कुरा रहा हो लेकिन अंदर घबराया हो, एमोस्केप ये सब पहचान लेता है।
पुणे में मानव परीक्षण शुरू
एमोस्केप का ट्रायल पुणे के जहांगीर अस्पताल में शुरू हो चुका है। अब तक इसका प्रदर्शन काफी सफल रहा है। यह टूल आने वाले समय में डॉक्टरों, कंपनियों, सेना और स्कूलों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। इससे समय, मेहनत और पैसे की बचत होगी।
कैसे पकड़ता है झूठ?
एमोस्केप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के एक भाषण का विश्लेषण किया। यह भाषण आतंकी हमले के बाद दिया गया था। टूल की रिपोर्ट बताती है कि शाहबाज शरीफ बाहर से शांत दिखने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अंदर से वह डरे हुए थे। उनके चेहरे के भावों से तनाव और दबाव साफ नजर आया।
बच्चों और महिलाओं के लिए फायदेमंद
एमोस्केप खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है। अगर कोई बच्चा डर के कारण माता-पिता के किसी फैसले से सहमत दिख रहा है, लेकिन अंदर से परेशान है, तो ये टूल उसकी असली भावना दिखा सकता है। इसी तरह, गर्भवती महिलाओं की मानसिक स्थिति पर भी ये नजर रख सकता है।
नौकरी में भी करेगा मदद
बड़ी कंपनियां नई भर्तियों के दौरान कर्मचारियों का मानसिक टेस्ट करवाती हैं। इसमें बहुत समय और पैसा लगता है। एमोस्केप यह काम सिर्फ 90 सेकंड में कर सकता है। इससे कंपनियों को सही उम्मीदवार चुनने में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नजर
इस टूल को विकसित करने में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी और निमहैंस जैसे बड़े संस्थानों के वैज्ञानिकों की मदद ली गई है। निहिलेंट टेक्नोलॉजीज के संस्थापक एल सी सिंह बताते हैं कि अब इसका उपयोग संगीत, फिल्म, ऑटोमोबाइल, हेल्थ और डिफेंस सेक्टर में भी किया जाएगा।