अयोध्या। भगवान श्रीराम की जन्मभूति अयोध्या में रामलला का भव्य-दिव्य मंदिर का निर्माण होने के साथ ही प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान हो गया था। बृहस्पतिवार को श्रीराम जन्मभूमि पर निर्मित भव्य राम मंदिर में राजाराम अपने परिवार के साथ मंदिर में विराजमान हो गए। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा की। सभी दिशाओं से वैदिक मंत्रों की ध्वनि गूंज रही थी।
करीब पांच सौ साल के बाद राम मंदिर के निमार्ण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट से खुला। कोर्ट का आदेश आते ही रामनगरी अयोध्या में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया। और वह दिन भी आ गया जब रामलला की धार्मिक अनुष्ठान के साथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो गई। 5 जून 2025 को राजाराम अपने परिवार के साथ मंदिर में विराजमान हो गए। राम दरबार भी सजा, जिसकी झलक पाने के लिए हजारों भक्त आतुर दिखे।
ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर प्रांगण में पंडितों, आचार्यों और संतों का समवेत स्वर, शंखध्वनि और हवन की महक ने एक आध्यात्मिक वातावरण रच दिया था। इसी के साथ ही राजा राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति ने इस गरिमामयी क्षण को और भी दिव्य बना दिया। मुख्यमंत्री ने सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया। इसके बाद राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया गया।
अयोध्या और काशी के 101 आचार्य वैदिक मंत्रों के साथ धार्मिक अनुष्ठान करवाया।मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया गया है और पूरा वातावरण वैदिक ऊर्जा से गुंजायमान रहा। सुबह 6ः30 बजे से यज्ञ मंडप में सभी आचार्यों के प्रवेश करने के बाद से ही ये अनुष्ठान शुरू होगा था। जिन आठ मूर्तियों को बीते दिन शैय्याधिवास कराया गया था, उन्हें सुबह 6ः45 बजे के आसपास चेतन अवस्था में लाया गया। इसके बाद जल से स्नान कराकर वैदिक मंत्रों का जाप शुरू किया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित भव्य राम मंदिर के पहले तल पर स्थित राजदरबार में आज श्रीराम स्वयं विराजमान होंगे। प्रथम तल का निर्माण पूरा होने के बाद इसमें राम दरबार स्थापित किया गया है और इसकी आज प्राण प्रतिष्ठा कराई गई है। प्रथम तल के साथ ही मंदिर का मुख्य शिखर भी पूर्ण हो चुका है। यह रामजन्मभूमि मंदिर का दिव्य स्वर्ण मंडित शिखर है। इसकी भी विधिवत स्थापना और पूजन संपन्न कराई गई। इस तरह राम मंदिर आज पूर्ण हो चुका है।
5 जून को राम मंदिर में 21 मूर्तियां स्थापित की गईं। इसके साथ ही ईशान कोण शिवलिंग, अग्निकोण श्रीगणेश, दक्षिण मध्य महाबली हनुमान, नैऋत्य कोण सूर्य देव, वायव्य कोण मां भगवती, उत्तर मध्य मां अन्नपूर्णा विराजमान हैं। मुख्य मंदिर प्रथम तल श्रीराम दरबार , दक्षिण पश्चिम परकोटा शेषावतार मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा भी की गई। प्राण प्रतिष्ठा पर्व पर हजारों की संख्ख में भक्त रामलला मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना कर पुण्य कमाया।