Flipkart Gets NBFC Licence: वालमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से एक बड़ा लाइसेंस मिला है। अब यह कंपनी भारत में खुद अपने ग्राहकों और विक्रेताओं को सीधे कर्ज दे सकेगी। रिज़र्व बैंक ने 13 मार्च 2025 को फ्लिपकार्ट की फाइनेंस यूनिट “Flipkart Finance Private Limited” को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के तौर पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दिया है। यह पहली बार है जब किसी बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भारत में खुद से लोन देने की इजाज़त मिली है।
जमा नहीं कर पाएगी पैसा, लेकिन लोन देने की छूट
इस एनबीएफसी लाइसेंस के ज़रिए फ्लिपकार्ट केवल लोन दे सकेगी, लेकिन ग्राहकों से जमा (जैसे बैंक में फिक्स डिपॉज़िट या सेविंग्स) नहीं ले सकेगी। अब तक ई-कॉमर्स कंपनियां बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से समझौता करके कर्ज देती थीं। लेकिन अब फ्लिपकार्ट खुद से यह सुविधा दे पाएगी, जो कंपनी के लिए ज़्यादा मुनाफे वाला मॉडल बन सकता है।
ऐप और प्लेटफॉर्म से मिलेगा सीधा लोन
सूत्रों के मुताबिक, फ्लिपकार्ट अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ-साथ अपने फिनटेक ऐप “सुपर.मनी” (Super.money) के ज़रिए भी लोन देने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि ग्राहक अपने शॉपिंग ऐप से ही लोन के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके साथ ही फ्लिपकार्ट अपने प्लेटफॉर्म पर कारोबार करने वाले विक्रेताओं को भी कर्ज की सुविधा दे सकती है।
अब तक बैंकिंग साझेदारों के जरिए देती थी लोन
इससे पहले फ्लिपकार्ट पर्सनल लोन की सुविधा देने के लिए एक्सिस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और क्रेडिट सेसन जैसी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही थी। लेकिन अब, NBFC बनने के बाद, वह किसी तीसरे पक्ष के बिना खुद से लोन दे पाएगी।
क्यों ज़रूरी है यह कदम?
फ्लिपकार्ट के लिए यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि इससे उसे अपनी वित्तीय सेवाओं पर ज़्यादा नियंत्रण मिलेगा और कमाई के नए रास्ते खुलेंगे। साथ ही ग्राहक भी तेज़ और आसान तरीके से कर्ज ले सकेंगे।