सात फेरे लिए, विदाई की… फिर चली गई प्रेमी के साथ!
25 अप्रैल 2025 को मधुबनी जिले के गंगापुर गांव की माला कुमारी (20) की शादी दरभंगा के घनश्यामपुर निवासी संजय राम से बड़े धूमधाम से हुई थी। सारे रस्म-रिवाज निभाए गए – जयमाला, फेरों से लेकर विदाई तक। लेकिन अगले दिन जब माला की विदाई हुई, तो किसी को अंदाजा नहीं था कि ये पल उसके पति और ससुरालवालों के लिए आखिरी साथ होगा।
26 अप्रैल की शाम को बोलेरो गाड़ी से विदाई के दौरान सकतपुर थाना क्षेत्र के पास बाइक सवार आठ बदमाशों ने गाड़ी रोकी और पिस्तौल दिखाकर माला को जबरन मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गए। दूल्हे संजय राम, माला के भाई और रिश्तेदार कुछ समझ पाते, इससे पहले ही बदमाश हवा हो चुके थे। माला के भाई ने एक बदमाश की पहचान मनीष यादव के रूप में की, जो माला के गांव का ही था।
शुरुआत में अपहरण, फिर आया प्रेम-विवाह का चौंकाने वाला मोड़
परिवार ने तुरंत सकतपुर थाने Darbhanga में अपहरण का मामला दर्ज कराया। माला की मां ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को अगवा किया गया है और जान को खतरा है। दूल्हे संजय राम ने भी शादी में खर्च और गहनों की लूट की भरपाई की मांग की।
लेकिन 30 अप्रैल को इंटरनेट पर वायरल हुए एक वीडियो ने पूरे मामले को उलट दिया। इस वीडियो में माला अपने प्रेमी मनीष यादव के साथ नजर आई और उसने साफ किया कि उसका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि वह खुद अपनी मर्जी से मनीष के पास गई थी। माला ने बताया कि उसे जबरन शादी के लिए मजबूर किया गया था और विदाई के दिन उसने खुद मनीष को फोन किया था। दोनों ने 28 अप्रैल को कोर्ट में शादी कर ली।
दूल्हे का टूटा दिल, परिवार की फजीहत – पुलिस भी हैरान
वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली, क्योंकि अब यह अपहरण का मामला नहीं रहा। लेकिन दूल्हा संजय राम पूरी तरह टूट गया। उसने दो टूक कहा कि अब वह माला को किसी भी कीमत पर नहीं अपनाएगा और जल्द दूसरी शादी करेगा। वहीं, माला के परिवार ने भी बेटी की इस हरकत से दुख जताया, पर वीडियो ने यह स्पष्ट कर दिया कि उसने यह कदम अपनी मर्जी से उठाया।
पुलिस अब प्रेम-प्रसंग की एंगल से जांच कर रही है और मनीष यादव की पृष्ठभूमि खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि मनीष और माला पिछले एक साल से एक-दूसरे से प्रेम करते थे।
सोशल मीडिया पर मचा बवाल, लोगों ने लिए मजे और जताई चिंता
इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। कुछ यूजर्स ने माला की “हिम्मत” को सराहा, तो कुछ ने इस घटना को पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों का पतन बताया। एक यूजर ने लिखा, “इतनी प्लानिंग से विदाई के दिन भागने वाली लड़की को सलाम”, तो दूसरा बोला, “यह शादी सिर्फ घर से भागने का तरीका था।”
इस घटना ने जबरन शादी बनाम व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बहस को फिर हवा दे दी है। क्या माता-पिता की मर्जी से हुई शादी में लड़कियों की सहमति का महत्व नहीं है? और क्या प्रेम को अपनाने का साहस इस तरह से दिखाना उचित है?
प्यार की जीत या सामाजिक हार?
Darbhanga की यह घटना सिर्फ एक शादी का अंत नहीं, बल्कि सामाजिक सोच पर सवाल भी है। माला कुमारी ने जहां अपनी मर्जी से जीने का साहस दिखाया, वहीं दूल्हे संजय और उसके परिवार को अपमान, मानसिक और आर्थिक आघात का सामना करना पड़ा। अब पुलिस की जांच और कानूनी प्रक्रिया पर नजर है, लेकिन इसने समाज को ये सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है – क्या शादी से पहले लड़की की इच्छा पूछना अब भी जरूरी नहीं माना जाता?