Abdullah Azam News: सपा नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक Abdullah Azam की कानूनी मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। स्टांप चोरी के मामले में रामपुर के डीएम कोर्ट ने अब्दुल्ला पर ₹4.64 करोड़ की आरसी जारी की है। नियमानुसार, उन्हें इस राशि पर 10% वसूली शुल्क यानी प्रशासनिक कर और बैनामा तारीख से अब तक का 1.5% वार्षिक ब्याज भी देना होगा। इस तरह कुल देय राशि पांच करोड़ से अधिक पहुंच सकती है। आरसी इसलिए जारी की गई क्योंकि तय समयसीमा में जुर्माना जमा नहीं किया गया। जमीन रजिस्ट्री में हेरफेर और कृषि दरों पर आवासीय भूमि का बैनामा कराने के आरोप में अब्दुल्ला पहले ही दोषी करार दिए जा चुके हैं। अब उनके खिलाफ वसूली की कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान के बेटे Abdullah Azam की कानूनी चुनौतियों में अब एक और अध्याय जुड़ गया है। स्टांप चोरी के मामलों में रामपुर के जिलाधिकारी न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ ₹4.64 करोड़ की वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी कर दी गई है। यह मामला 2022 में बेनजीरपुरा घाटमपुर क्षेत्र की तीन अलग-अलग जमीनों की रजिस्ट्री से जुड़ा है, जिसमें कृषि दरों पर रजिस्ट्री कराकर स्टांप शुल्क की चोरी की गई थी।
प्रशासन की जांच में सामने आया कि जिन जमीनों को कृषि बताकर रजिस्ट्री कराई गई, वे वास्तव में आवासीय श्रेणी में आती थीं। इसी आधार पर डीएम कोर्ट ने पहले ही 30 दिन में जुर्माना जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन अब्दुल्ला द्वारा राशि न जमा करने पर आरसी जारी की गई है।
आरसी में ₹4.64 करोड़ की मूल राशि के अलावा अब उन पर 10 प्रतिशत तहसील वसूली शुल्क और 1.5 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देय होगा। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक यह देय राशि पांच करोड़ से अधिक जा सकती है।
विवरण के अनुसार,
- 21 फरवरी 2022 को खरीदी गई 0.9110 हेक्टेयर भूमि पर कुल ₹2.78 करोड़ का जुर्माना तय हुआ।
- 4 अप्रैल और 8 अप्रैल 2022 को खरीदी गई 0.304-0.304 हेक्टेयर की दो और जमीनों पर क्रमशः ₹92.93 लाख के जुर्माने लगे।
डीजीसी रेवेन्यू प्रेम किशोर पांडेय ने बताया कि आदेश न मानने पर आरसी जारी की गई है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि अब्दुल्ला हाईकोर्ट या कमिश्नर कोर्ट में अपील कर सकते हैं, बशर्ते वे देरी माफी का आवेदन दें।
गौरतलब है कि Abdullah Azam इससे पहले फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और धोखाधड़ी के मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं और हाल ही में हरदोई जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। स्टांप चोरी का यह मामला अब उनके लिए एक और बड़ी परेशानी बनकर उभरा है।