नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। साउथ अफ्रीका ने आस्ट्रेलिया को हराकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल 2025 का खिताब अपने नाम पर कर लिया। ये सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला वो लम्हा बना, जसका इंतज़ार दक्षिण अफ्रीका की एक पूरी पीढ़ी ने किया। दरअसल, ये प्रचंड फतह लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर साउथ अफ्रीकी टीम को मिली। 282 रनों के टारगेट का पीछा करते हुए अफ्रीकी बल्लेबाजों ने धैर्य का परिचय देते हुए कंगारूओं के सपनों पर पानी फेर दिया। इससे पहले साउथ अफ्रीका ने अपना इकलौता आईसीसी खिताब 1998 में जीता था। डब्ल्यूटीसी पर कब्जा कर अफ्रीकी टीम ने 27 साल के सूखे को खत्म कर दिया।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला लंदन के ऐतिहासिक लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच खेला गया। ऑस्ट्रेलिया ने अपना पहली पारी में 212 और दूसरी पारी में 207 रन बनाए। जबकि साउथ अफ्रीका की पहली पारी 138 रनों पर सिमट गई थी। पहली पारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया को 74 रनों की लीड मिली थी। ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 282 रनों का टारगेट दिया था। टारगेट का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 70 रनों के स्कोर पर दूसरा विकेट गंवा दिए थे। यहां से एडेन मार्करम और कप्तान टेम्बा बावुमा ने क्रीज पर खूंटा गाड़ दिया। दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 147 रनों की पार्टनरशिप हुई, जिसने साउथ अफ्रीका का काम आसान कर दिया।
मार्करम ने 11 चौके की मदद से 101 गेंदों पर शतक पूरा किया। साउथ अफ्रीका के अनुभवी बल्लेबाज एडन मार्करम ने गजब बल्लेबाजी करते हुए डब्ल्यूटीसी फाइनल की दूसरी पारी में शतक जड़ दिया है। उन्होंने 156 गेंदों में यह कारनामा किया। मार्करम आईसीसी फाइनल में शतक लगाने वाले पहले अफ्रीकी खिलाड़ी बन गए हैं। वहीं कप्ता टेम्बा बावुमा ने 65 रन बनाए हैं। टेम्बा बावुमा घायल होने के बाद भी क्रीज पर डटे रहे। टीम को पहले उन्होंने संकट से बाहर निकाला। मार्करम के साथ वह शुक्रवार को नाबाद पवेलियन लौटे। चौथे दिन मैदन पर उतरने के बाद दोनों बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाने का प्रयास किया। तभी कमिंस ने टेम्बा बावुमा को आउट कर आस्ट्रेलिया की उम्मीदों को फिर से िंजदा कर दिया। लेकिन मार्करम एक छोर पर अकेले मोर्चे पर डटे रहे।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी पहली पारी में 212 रन बनाए थे। ब्यू वेबस्टर ने सबसे ज्यादा 72 रनों की पारी खेली। पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ के बल्ले से 66 रन निकले। साउथ अफ्रीका की तरफ से तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने सबसे ज्यादा पांच विकेट झटके, जबकि खब्बू पेसर मार्को जानसेन को तीन सफलताएं हासिल हुईं। स्पिन गेंदबाजों केशव महाराज और एडेन मार्करम ने भी एक-एक विकेट चटकाया। वहीं पहली पारी में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। नतीजतन साउथ अफ्रीका की पूरी टीम 138 रनों पर ही सिमट गई। डेविड बेडिंघम ने साउथ अफ्रीकी टीम के लिए सबसे ज्यादा 45 रन बनाए। वहीं कप्तान टेम्बा बावुमा ने 36 रनों की पारी खेली.. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने छह विकेट झटके थे, वहीं मिचेल स्टार्क को दो सफलताएं प्राप्त हुईं।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी की बात करें, तो कंगारू टीम का स्कोर एक समय सात विकेट पर 73 रन हो चुका था। यहां से विकेटकीपर बल्लेबाज एलेक्स कैरी और मिचेल स्टार्क की शानदार बल्लेबाजी के चलते ऑस्ट्रेलिया 207 रनों के स्कोर तक पहुंच सका। स्टार्क ने 136 गेंदों पर 58 रन बनाए, जिसमें पांच चौके शामिल रहे। वहां एलेक्स कैरी ने 5 चौके की मदद से 50 गेंदों पर 43 रन बनाए। साउथ अफ्रीका के लिए कगिसो रबाडा ने दूसरी पारी में भी बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए चार विकेट झटके। जबकि लुंगी एनगिडी को तीन सफलताएं प्राप्त हुईं। जबकि साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी में तेज शुरूआत की। पांच ओवर में 35 रन बना लिए थे। तभी स्टॉर्क ने दो विकेट लेकर आस्ट्रेलिया की मैच में वापसी करवाई। पर माकर्रम कुछ अलग इरादे से मैदान पर उतरे थे। उन्होंने तय कर लिया था कि अब चोकर्स शब्द हटकर रहेगा और इसी लिए वह डटकर खेले। आखिर में जीत साउथ अफ्रीका को मिली।
अगर साउथ अफ्रीका के आईसीसी टूर्नामेंट में नजर डालें तो सबसे पहले साल 1998 याद आता है। तब जगह थी ढाका और टूर्नामेंट था आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी। साउथ अफ्रीका ने ये खिताब जीता, लेकिन उसके बाद जैसे वक्त थम सा गया। आईसीसी टूर्नामेंट्स में बार-बार बड़ी उम्मीदें बनीं। कई बार टीम फाइनल और सेमीफाइनल तक पहुंची, लेकिन हर बार, कोई न कोई चूक रह गई। और तभी से जुड़ गया एक नाम चोकर्स। एक ऐसा टैग जिसने हर खिलाड़ी को मानसिक रूप से तोड़ा। हर फैन को निराश किया। साल 2024.में एक और मौका साउथ अफ्रीका को खुद को साबित करने का आया। मौका था टी-20 वर्ल्ड कप का फाइनल, लेकिन भारत ने 7 रन से बाज़ी मार ली। एक और बार ट्रॉफी आंखों के सामने से फिसल गई। लेकिन साउथ अफ्रीका ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल जीतकर कुछ हद तक चोकर्स से निजाद पा ली।