Bihar Monsoon : बिहार में आखिरकार मानसून की एंट्री हो चुकी है, जिससे तपती गर्मी से लोगों को बड़ी राहत मिली है। पूर्वी बिहार के अधिकतर जिलों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है, जिनमें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, मुंगेर, भागलपुर, सुपौल, कटिहार और बांका प्रमुख हैं। मौसम विभाग, पटना के प्रमुख आशीष कुमार ने बताया कि इस साल मॉनसून 17 जून को राज्य में पहुंचा, जो सामान्य समय से दो दिन की देरी मानी जा रही है। अगले 24 से 48 घंटों में यह पूरे बिहार में फैलने की उम्मीद है। जिन इलाकों में मॉनसून पहुंच चुका है, वहां अब तक 50 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। आगामी सप्ताह भर पूरे राज्य में अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे किसानों में खासा उत्साह है।
कहां-कहां हुई बारिश?
उत्तर और पूर्वी बिहार के जिलों में मानसून ने जबरदस्त शुरुआत की है। भागलपुर, जमुई, बांका, अररिया, कटिहार और पूर्णिया जैसे जिलों में भारी बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है। कई जिलों में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, किशनगंज, सहरसा, मधेपुरा और मधुबनी शामिल हैं। वहीं, दक्षिण बिहार के जिलों—पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा, लखीसराय, बेगूसराय और खगड़िया—में भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा अधिक है, इसलिए लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।
पटना में मौसम का हाल
राजधानी पटना में मौसम ने करवट ली है। फिलहाल आसमान में आंशिक बादल छाए हैं और ठंडी हवाएं चल रही हैं। थोड़ी-बहुत धूप भी देखने को मिल रही है, लेकिन उमस और गर्मी का असर काफी कम हो गया है। मौसम विभाग ने दक्षिण बिहार में वज्रपात की आशंका जताते हुए लोगों से घरों में रहने और सतर्कता बरतने की सलाह दी है। आने वाले दो दिनों में पूरे राज्य में अच्छी बारिश का पूर्वानुमान है, जिससे आम जनता और किसान वर्ग दोनों खुश नजर आ रहे हैं।
पिछले 5 वर्षों में मॉनसून की स्थिति
पिछले पांच सालों पर नजर डालें तो मॉनसून की टाइमिंग में उतार-चढ़ाव रहा है। 2020 से 2022 के बीच मॉनसून 13 जून को पहुंचा था। 2023 में यह एक दिन पहले 12 जून को आया, लेकिन बारिश औसत से 23% कम हुई। 2024 में मॉनसून 20 जून को आया, जो सामान्य से पांच दिन देर था और उस वर्ष 20% कम बारिश हुई। इस साल 2025 में मॉनसून 15 जून को पहुंचा है, जो औसतन दो दिन की देरी मानी जा रही है। मौसम विभाग का आकलन है कि इस बार बारिश सामान्य से थोड़ी अधिक हो सकती है, जो खेती-बाड़ी के लिहाज से शुभ संकेत है।
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बिहार की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है। मानसून की समय पर और अच्छी बारिश धान, मक्का और अन्य खरीफ फसलों की बुवाई के लिए बेहद अहम है। किसान इस बार के मौसम से संतुष्ट हैं और मानते हैं कि अगर बारिश यूं ही जारी रही तो उनकी फसलें अच्छी होंगी। हालांकि बारिश के साथ बाढ़ का खतरा भी मंडरा रहा है, जिसे देखते हुए सरकार ने पहले से ही अलर्ट जारी कर दिया है और राहत-बचाव के इंतजामों को सक्रिय कर दिया गया है। लोग मानसून का स्वागत कर रहे हैं, लेकिन सतर्कता भी बरती जा रही है।