UP Departmental Transfers Delay 2025 : तबादलों की डेडलाइन निकल गई, फाइलें अब भी दौड़ रही हैं।उत्तर प्रदेश में विभागीय तबादलों की तय तारीख भले ही रविवार को खत्म हो गई हो, लेकिन फाइलों की दौड़ अभी भी जारी है। शनिवार और रविवार को छुट्टी के दिन होने के बावजूद सरकारी दफ्तरों में खूब हलचल रही। देर रात तक अफसरों और कर्मचारियों के तबादलों की लिस्ट तैयार की जाती रही, लेकिन फिर भी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
सोमवार को भी दफ्तरों में रही गहमा-गहमी
हफ्ते के पहले दिन सोमवार को भी सरकारी दफ्तरों में तबादलों को लेकर अफसरों और कर्मचारियों की आपाधापी देखने को मिली। कौन कहां जाएगा, कौन रुकेगा इस पर फाइलें दौड़ती रहीं। सिफारिशें, आपसी सहमति और ऊपर तक सेटिंग की कोशिशें दिनभर चलती रहीं। जिनकी पैरवी काम आई, उनके तबादले पुराने तारीख (बैक डेट) में जारी कर दिए गए। वहीं, कुछ कर्मचारी और अधिकारी ऐसे भी रहे जो अपनी पसंद की पोस्टिंग न मिलने पर विभागीय अधिकारियों और मंत्रियों के चक्कर काटते रहे।
कई विभागों में लटक गए तबादले
कुछ विभागों में हालात ऐसे बने कि तबादलों की सूची बनकर भी जारी नहीं हो सकी। बेसिक शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं जैसे अहम विभागों में तो कोई सूची ही सामने नहीं आई। इसका कारण विभागीय अफसरों और मंत्रियों के बीच तालमेल की कमी बताया जा रहा है। इन विभागों के तबादले अब सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद ही जारी हो सकेंगे।
अब क्या होगा आगे?
राज्य सरकार की स्थानांतरण नीति के मुताबिक, 15 मई से 15 जून के बीच तबादलों की प्रक्रिया पूरी होनी थी। अब इस तय समयसीमा के बाद केवल जरूरी और विशेष मामलों में ही बदलाव संभव है। इस स्थिति में अब विभागाध्यक्ष सीधे तबादले नहीं कर सकते। उन्हें विभागीय मंत्री से मंजूरी लेनी होगी। वहीं, अगर तबादला मंत्री स्तर से प्रस्तावित है, तो उस पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री ही लगाएंगे। दफ्तरों में अभी से हलचल जारी है।