Raya Heritage City: उत्तर प्रदेश के मथुरा में बहुप्रतीक्षित राया हेरिटेज सिटी के निर्माण की प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ ली है। यमुना अथॉरिटी ने मथुरा में अपने क्षेत्रीय कार्यालय की शुरुआत कर दी है, जिससे परियोजना की गतिविधियां जमीन पर उतरने लगी हैं। अथॉरिटी का ऑफिस गीता शोध संस्थान में खोला गया है, जहां ओएसडी समेत सात अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। राया हेरिटेज सिटी के लिए किसानों से सीधे जमीन खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अथॉरिटी ने पहले चरण में 200 एकड़ जमीन खरीदने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 137 एकड़ के लिए किसानों ने सहमति दे दी है। जुलाई में परियोजना के लिए आरएफपी जारी होगी।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज
Raya Heritage City की स्थापना के लिए यमुना अथॉरिटी ने मथुरा में सक्रिय कदम उठा लिए हैं। अथॉरिटी किसानों से सीधे जमीन खरीद रही है और इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने की तैयारी है। पहले चरण में 200 एकड़ जमीन खरीदी जानी है, जिसमें से 137 एकड़ भूमि के लिए किसानों ने सहमति दे दी है। बाकी भूमि के लिए बातचीत जारी है। जुलाई में इस परियोजना के लिए आरएफपी जारी करने की योजना है, जिससे निर्माण कार्य गति पकड़ेगा।
पीपीपी मॉडल पर बनेगी सिटी
Raya Heritage City का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर पहले ही पास हो चुकी है, जिसमें 12 गांव शामिल हैं। फिलहाल पिपरौली खादर और जहांगीरपुर खादर गांवों में जमीन खरीदी जा रही है। मास्टरप्लान 2031 के तहत 735 एकड़ में बनने वाली इस सिटी का निर्माण तीन चरणों में होगा। पहले दो चरण तीन-तीन साल में और अंतिम चरण चार साल में पूरा किया जाएगा। पूरी परियोजना पर लगभग 1220 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
अगस्त-सितंबर में रखी जाएगी नींव
यमुना अथॉरिटी ने संकेत दिए हैं कि अगस्त-सितंबर 2025 तक राया हेरिटेज सिटी की नींव रख दी जाएगी। जमीन अधिग्रहण और आरएफपी प्रक्रिया के तेजी से पूरा होने की उम्मीद है। अथॉरिटी के मथुरा ऑफिस में ओएसडी, तहसीलदार, कानूनगो और चार लेखपालों की टीम तैनात कर दी गई है, जो पूरी प्रक्रिया को जमीन पर उतारने का कार्य देखेगी। राया हेरिटेज सिटी मथुरा के विकास का नया अध्याय साबित होगी।