Toll tax on two wheelers: देशभर के दोपहिया वाहन चालकों के लिए एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब तक मोटरसाइकिल और स्कूटर जैसे दोपहिया वाहन राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स से मुक्त थे, लेकिन 15 जुलाई 2025 से यह सुविधा समाप्त हो जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नए नियम के अनुसार, दोपहिया वाहनों को भी टोल टैक्स देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, FASTag लगाना भी जरूरी कर दिया गया है। इस फैसले से जहां सरकार को सड़क रखरखाव के लिए अतिरिक्त धन मिलेगा, वहीं आम लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ने की आशंका है। इस नई व्यवस्था को लेकर देशभर में बहस छिड़ गई है।
Toll tax का इतिहास और पृष्ठभूमि
भारत में Toll tax व्यवस्था 1990 के दशक में शुरू हुई थी। इसका उद्देश्य सड़क निर्माण और रखरखाव के लिए धन जुटाना था। शुरुआत में दोपहिया वाहनों को टोल से छूट दी गई थी, क्योंकि इन्हें कम आय वर्ग के लिए सुलभ परिवहन माना जाता था। साथ ही, दोपहिया वाहन सड़कों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाते। लेकिन अब सड़क निर्माण लागत बढ़ने के कारण यह छूट समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
नए नियम का असर
नए Toll tax नियम के अनुसार, दोपहिया वाहनों को भी टोल प्लाजा पर शुल्क देना होगा। हालांकि, इन वाहनों के लिए टोल दर कम रखी जाएगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, शुल्क 10 से 20 रुपये प्रति यात्रा के बीच हो सकता है। साथ ही, दोपहिया वाहनों के लिए FASTag अनिवार्य किया गया है। बिना FASTag पाए जाने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगेगा। यह सिस्टम पहले से कार और भारी वाहनों के लिए लागू है।
FASTag और वार्षिक पास की सुविधा
NHAI ने दोपहिया वाहन चालकों के लिए वार्षिक FASTag पास भी लॉन्च किया है। 3,000 रुपये में मिलने वाला यह पास 200 यात्राओं या एक साल तक मान्य होगा। 15 अगस्त 2025 से निजी वाहनों के लिए असीमित यात्राओं वाला वार्षिक पास भी मिलेगा, जिसकी कीमत 3,000 रुपये होगी। इस सुविधा से नियमित यात्रियों को राहत मिल सकती है।
जनता की प्रतिक्रिया और आगे की चुनौती
इस नए Toll tax नियम पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे सड़क विकास के लिए जरूरी मान रहे हैं, तो कुछ इसे आम जनता पर अतिरिक्त बोझ बता रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। NHAI के सामने अब इसे सुचारु रूप से लागू करने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की चुनौती होगी। दोपहिया वाहन चालकों को भी अब नए सिस्टम के अनुसार अपने सफर की योजना बनानी होगी।