Mumbai MLA Assault : मुंबई के आकाशवाणी परिसर स्थित विधायक निवास की कैंटीन में मंगलवार रात एक गंभीर घटना सामने आई, जब शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय गायकवाड़ ने भोजन की गुणवत्ता को लेकर एक कैंटीन कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। गायकवाड़ का आरोप है कि उन्हें सड़ा-गला और बदबूदार खाना परोसा गया, जिससे नाराज होकर उन्होंने कर्मचारी के साथ हाथापाई की। घटना के बाद कैंटीन में अफरा-तफरी मच गई और मामला राजनीतिक गलियारों तक जा पहुंचा।
विधायक ने किया भोजन की गुणवत्ता पर सवाल
गायकवाड़ का कहना है कि उन्हें बासी चावल और बदबूदार दाल दी गई थी। उन्होंने कहा, “मैं पिछले साढ़े पांच वर्षों से यहां खाना खा रहा हूं, लेकिन इस तरह की लापरवाही पहले भी तीन बार हो चुकी है। इस बार जब मैंने दाल का पहला निवाला मुंह में डाला तो उसमें से सड़ी बदबू आ रही थी, चावल भी बिल्कुल ताजा नहीं था। यह भोजन जहर के समान था।”
विधायक का दावा है कि जब उन्होंने कैंटीन कर्मचारी से शिकायत की तो उसने भी भोजन की गंध को स्वीकार किया, जिसके बाद गायकवाड़ ने कर्मचारी को थप्पड़ मारते हुए कहा कि यह “प्रसाद” उन्होंने अपने अंदाज में दिया। इस घटना ने न केवल कैंटीन में तनाव पैदा किया, बल्कि राज्य की राजनीति में भी हड़कंप मचा दिया।
नेताओं ने दी प्रतिक्रिया
घटना के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कैंटीन का निरीक्षण किया और खाने की गुणवत्ता को लेकर जांच शुरू की। प्रारंभिक रिपोर्ट में भोजन को लेकर सवाल उठाए गए हैं और आगे की कार्रवाई की बात कही गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “मैंने वीडियो देखा है, यह आचरण किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देता। शिकायत करना अधिकार है, लेकिन मारपीट किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं। यह विधानसभा की गरिमा के खिलाफ है।”
यह भी पढ़ें : UP PCS अफसरों को को मिला प्रमोशन का तोहफा, 22 अधिकारियों…
उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हां, विधायक को खराब खाना परोसा गया था और उन्हें उल्टी भी हुई, लेकिन यह व्यवहार किसी भी सूरत में उचित नहीं कहा जा सकता। मैंने संजय गायकवाड़ से बात कर उन्हें स्पष्ट रूप से बताया है कि सार्वजनिक जीवन में इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं। अगर कैंटीन में गड़बड़ी है, तो कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए, न कि हाथ उठाना।”
विपक्ष ने की कड़ी आलोचना
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक अनिल परब ने विधान परिषद में इस मुद्दे को उठाते हुए संजय गायकवाड़ के तत्काल निलंबन की मांग की। उन्होंने कहा, “किसी भी परिस्थिति में सार्वजनिक स्थान पर हिंसा को उचित नहीं ठहराया जा सकता, चाहे कारण कुछ भी हो।”