लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। नाम छांगुर उर्फ जलालुद्दीन। पता उत्तर प्रदेश का बलरामपुर। काम हिन्दू लड़कियों और युवतियों को पैसे के लालच के साथ धमकी देकर उनका धर्मान्तरण करवाना। शातिर की थी जिहादी सोच। बलरामपुर को बनाना चाह रहा था स्लामिक स्टेट। भारत के साथ ही हिन्दू राष्ट्र नेपाल में गजवा-ए-हिन्द की बुनियाद रखे जानें का देखा था सपना। काम कठिन था था, पर शातिर ‘जल्लाद’ निडर होकर अपने ऑपरेशन में जुटा था। पाकिस्तानियों से छांगुरकी दोस्ती थी। मुस्लिम देश भी जादू-टोना करने वाले छांगुर पर फिदा थे और हिन्दू लड़कियों को मुस्लिम बनाने के लिए उसे मुंहमांगी कीमत दे रहे थे। अंगूठी बेचकर पेट पालने वाला छांगुर धर्मान्तरण गैंग का बॉस बन गया और फिर झींगुर की तरह उछल-कूद कर करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। पर छांगुर की एक गलती भारी पड़ गई और वह सीएम योगी आदित्यनाथ के सुपरकॉप एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश की रडार में आ गया। जांबाज आईपीएस ने छांगुर के पीछे एडीएस को लगाया और शातिर जिहादी फिर पकड़ा गया।
यूपी का बलरामपुर जिला बीतेकई दिनों से सुर्खियों में है। यहीं का रहने वाला छांगुर एटीएस के हत्थे चढ़ गया है। छांगुर की लेडी खजांची नसरीन और उसका पति भी पुलिस की गिरफ्त में है। एटीएस और यूपी एसटीएफ की टीमें तीनों से पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ में छांगुर ने कई राज उगले हैं। खुद यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने धर्मान्तर गैंग के बारे में सनसनीखेज खुलासे किए हैं। अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर ने बड़ा खतरानक प्लान बनाया था। वह बलरामपुर को स्लामिक स्टेट बनाने के मिशन में काम कर रहा था। छांगुर जहां सवर्ण, ओबीसी और दलित समाज से आने वाली लड़कियों और युवतियों को पैसे देकर मुस्लिम बना रहा था तो वहीं युवकों की भर्ती कर रहा था। अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर भारत के अंदर इस्लामिक स्टेट की जड़ों को तैयार कर रहा था। छांगुर ने धर्मान्तर की दुकान नेपाल तक में खोल रखी भी। वह नेपाल को भी गजवा-ए-हिन्द बनाना चाहता था। नेपाल में भी छांगुर ने बड़े पैमाने पर धर्मान्तरण करवाया। अब यूपी एटीएस और जांच एजेंसियां छांगुर के पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही हैं। ईडी भी हरकत में आते हुए आरोपी के बैंक खातों की जांच शुरू कर दी है।
तो चलिए अब हम आपको छांगुर के बारे में बताते हैं। छांगुर कैसे बना धर्मान्तरण का झींगुर। किस तरह से जेहादी झींगुर ने उछल-कूद कर हिन्दू लड़कियों को बनाया मुस्लिम। कहां से छांगुर को मिली मनी। छांगुर की कहानी की शुरूआत बलरामपुर जिले के बाद माफी गांव से होती है। उसका जन्म यहीं पर हुआ था। छांगुर के चार भाई हैं, जिसमें तीन अब भी गांव ही रहते हैं। छांगुर बचपन में भीख मांगता था। अब भी उसके तीनों भाई भीख ही मांगकर अपना जीवन चलाते हैं। छांगुर बाद में साइकिल से घूम-घूमकर नग और अंगुठी बेचा करता था। वर्षों तक इस काम को करते रहने के बाद छांगुर मुंबई चला बया और खुद को पीर घोषित कर दिया। उसके बाद उसने गरीबों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने का काम शुरू किया। जिस काम में उसे विदेशी फंडिंग भी होने लगी। उसने देखते-देखते करोड़ों रुपये की काली संपत्ति बना ली। एटीएस की जांच में पता चला है कि बाबा के 40 बैंक खाते में 106 करोड़ रुपये की जमा हैं। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और नीतू उर्फ नसरीन पर वित्तीय प्रोत्साहन, शादी के प्रस्ताव और दबाव बनाकर कमजोर तबके के लोगों को इस्लाम कबूल करावाते थे। छांगुर के खूंखार प्लान की जानकारी पुलिस को हुई तो एटीएस एक्शन में आई।
एटीएस ने छांगुर एंड बदमाश कंपनी पर मुकदमा दर्ज किया। जलालुद्दीन पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था। दो अन्य आरोपियों- नवीन उर्फ जमालुद्दीन और महबूब (जलालुद्दीन के बेटे) को अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में ये लखनऊ की जेल में बंद हैं। जबकि एटीएस ने 5 जुलाई को जलालुद्दीन और नसरीन को बलरामपुर में माधपुर गांव से गिरफ्तार किया था। नरगिस के पति को भी पुलिस ने पकड़ लिया था। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर और उसके सहयोगियों के अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। अब तक 80 प्रतिशत कार्रवाई हो चुकी है। लगभग एक एकड़ क्षेत्र में फैले छांगुर और उसके सहयोगी नीतू और नवीन रोहर की संपत्तियों पर प्रशासन ने नोटिस चस्पां किया था जिसमें अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा गया था। छांगुर की कोठी करीब एक एकड़ भूभाग में बनी थी जिसमें 2 बिस्वा जमीन सरकारी थी जिस पर अवैध निर्माण किया गया था। सरकारी बुलडोजर ने छांगुर की धर्मान्तरण करवाने वाली कोठी को मिट्टी में मिला दिया है। कोठी से पुलिस को कई दस्तावेज मिले हैं। छांगुर के बैंक अकाउंट को एजेंसियां ने खंगाल रही हैं।
हिंदू युवतियों के धर्म परिवर्तन, लव जिहाद और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को बीते तीन वर्षों में करीब 500 करोड़ रुपये की विदेशी फंडिंग हुई है। इसमें से अभी बस 200 करोड़ की ही पुष्टि हो सकी है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार शेष 300 करोड़ रुपये का लेनदेन नेपाल के माध्यम से हुआ है। फंडिंग के लिए काठमांडू सहित नेपाल के सीमावर्ती जिलों नवलपरासी, रुपनदेही व बांके में 100 बैंक खाते खुलवाए गए। उन्हीं में धर्म परिवर्तन कराने के लिए पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब व तुर्किए से पैसे भेजे गए। एजेंट चार से पांच प्रतिशत कमीशन पर नेपाल के बैंक खातों से पैसे निकालकर सीधे छांगुर तक पहुंचा देते थे। इसमें कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) की भी मदद ली जाती थी। रायबरेली में पकड़े गए साइबर अपराधियों को भी इसी कड़ी का एक हिस्सा बताया जा रहा है, जिनके तार पाकिस्तान और दुबई से भी जुड़े हैं। इस गिरोह ने करीब 700 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है। इन्होंने अयोध्या के साथ ही लखनऊ, बलरामपुर व गोंडा में भी करोड़ों रुपये भेजे हैं।
हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने और देश विरोधी गतिविधियों के लिए छांगुर की टीम ने सर्वाधिक खर्च अयोध्या जिले में किया है। 2023 में बिहार में पकड़े गए एक एजेंट ने भी इसका इनपुट दिया था, लेकिन जिम्मेदारों ने तब गंभीरता नहीं दिखाई थी। छांगुर बीते 15 वर्षो से हिंदुओं का गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कर रहा था। एटीएस ने छांगुर और उसकी करीबी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ जेल से रिमांड पर लेने के बाद पूछताछ शुरू की, जिसमें उसने यह खुलासा किया है। उन्हें जल्द बलरामपुर ले जाकर अवैध धर्मांतरण से जुड़े दस्तावेज बरामद करने की कोशिश है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि रिमांड के दौरान छांगुर से उसके गिरोह के बाकी सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही, उसकी संपत्तियों और विदेशी खातों से होने वाली फंडिंग का भी पता लगाया जा रहा है। छांगुर के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जानकारी ईडी को भी भेजी गई है। इस मामले में पुणे निवासी मोहम्मद अहमद की भूमिका की जांच भी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर ईडी ने भी छांगुर और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने छांगुर और उसके करीबियों के 40 बैंक खातों की जानकारी जुटाने के बाद आयकर विभाग से संचालकों के बीते 10 वर्ष के आयकर रिटर्न का ब्योरा मांगा है।