लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। मेरा काम लड़ना नहीं। हमें मिलकर अपने जिले, प्रदेश और देश को संवारना है। अफसर भी इसी समाज से आए हैं। ब्यूरोकेट्स का भी देश-प्रदेश के विकास में अहम योगदान है। चंद अफसर हैं, जो खुद को राजा और जनता को प्रजा समझते हैं। ऐसे अधिकारियों को ट्यूशन की जरूरत है। मैं नहीं चाहती, एडीएम पर एक्शन हो। हमने एडीएम की गंदीबात का सिर्फ इस वजह से खुलासा किया कि दूसरा एडीएम अन्य महिलाओं के साथ अभद्रता करने के बजाए उन्हें रिस्पेक्ट दे। चौधरी साहब प्लीज शांत हो जाएं। सरकार ही ऐसे अफसरों को जनता की सेवा का पाठ पढ़ाकर ठीक करेगी।
हां ये शब्द किसी और के नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के हैं। इकरा हसन ने एडीएम को माफ कर दिया है। इकरा हसन ने एडीएम को ट्यूशन दिए जानें की सलाह दी है। इकरा ने महिलाओं से किस तरह से पेश आना चाहिए, इसको लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि ऐसे अफसरों को जनता और जनप्रतिनिधियों से किस तरह से व्यवहार करना चाहिए, उसके लिए ट्रेनिंग दिए जानें की व्यवस्था करनी चाहिए। हलांकि इकरा ने पूरे मामले की जानकारी यूपी के मुख्य सचिव को दी है। इकरा ने मुख्य सचिव से मांग की है कि ऐसे अफसरों को महिलाओं से कैसे पेश आना चाहिए, इसकी ट्रेनिंग दी जाए।
अब हम आपको बताते हैं कि इकरा हसन और एडीएम के बीच किस बात को लेकर हुई तकरार। क्यों अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हुए आक्रमाण। किस वजह से चौधरियों ने भरी हुंकार। चौधरियों ने इकरा बेटिया के लिए आर-पार का किया ऐलान। इकरा ने क्यों कहा एडीएम पर एक्शन के बजाए उन्हें जनता की सेवा के पाठ की जरूरत। तो चलिए हम आपको पूरे घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताते हैं। ये पूरा मामला एक जुलाई का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इकरा हसन सहारनपुर की छुटमलपुर से नगर पंचायत अध्यक्ष शमा परवीन के साथ क्षेत्र की समस्याओं को लेकर एडीएम से मिलने पहुंची थीं।
दोपहर जब एडीएम को इकरा हसन के आने की सूचना दी गई तो कहा गया कि वो फिलहाल लंच पर हैं। लंच के बाद इकरा हसन करीब तीन बजे एडीएम कार्यालय पहुंचीं। इकरा के साथ छुटमलपुर की नगर पंचायत अध्यक्ष को एडीएम ने किसी मामले को लेकर डांट दिया था। इकरा हसन ने जब बीच में हस्तक्षेप किया तो एडीएम ने इकरा हसन को कथित रूप से अपने कार्यालय से बाहर निकलने के लिए कह दिया। बताया जा रहा है कि एडीएम ने आगे कहा कि ये उनका दफ्तर है और वो कुछ भी कहने और कहने के लिए स्वतंत्र हैं।
महिला अध्यक्ष छुटमलपुर के साथ किए गए दुर्व्यवहार के चलते सांसद इकरा हसन ने उच्च अधिकारियों को एडीएम के मामले अवगत कराया और उनके द्वारा जनप्रतिनिधि महिला के साथ किए गए व्यवहार की जानकारी दी। सांसद इकरा हसन ने एडीएम की ट्रेनिंग पर सवाल खड़े किए। इकरा ने कहा कि एडीएम ई की मानसिकता महिला विरोधी है। जबकि बीजेपी एक और नारी सशक्तिकरण और 33 पर्सेंट आरक्षण देने की बात महिलाओं को करती हैं। लेकिन इस तरह की घटना उन बातों पर सवालिया निशान खड़े करती है। उन्होंने कहा कि एडीएम संतोष बहादुर सिंह को ट्रेनिंग की आवश्यकता है, जिसमें उन्हें महिलाओं के साथ और जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहार करने की सिख मिले।
इनसब के बीच इकरा हसन सपा सांसद इकरा हसन के साथ अभद्रता का मामला तूल पकड़ गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने फेसबुक और एक्स पर लिखा है कि जो अधिकारी सांसद का सम्मान नहीं करता वह जनता का सम्मान क्या करेगा। सपाई भी इसके विरोध में उतर आए। पदाधिकारियों की तरफ से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जांच के बाद एडीएम पर कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही कैराना के अलावा आसपास के जनपदों के चौधरी भी इकरा के पक्ष में उतर चुके हैं। वहीं, पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने भी फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा है कि हम अपनी बेटी के साथ हैं। सपा जिलाध्यक्ष चौधरी अब्दुल वाहिद की तरफ से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है।