Tube vs Tubeless Tyre: आजकल कार और बाइक हर घर की जरूरत बन चुकी है। चाहे घर से ऑफिस जाना हो या लंबी दूरी तय करनी हो, वाहन हर सफर में साथ निभाते हैं। इसी वजह से बाजार में कई तरह की आधुनिक गाड़ियां और उनसे जुड़े फीचर्स आ चुके हैं। इन्हीं में से एक है टायर की तकनीक,ट्यूब टायर और ट्यूबलेस टायर।
पहले कैसे थे टायर?
कुछ साल पहले तक सभी गाड़ियों में ट्यूब टायर ही इस्तेमाल होते थे। इन टायरों में हवा एक अलग ट्यूब में भरी जाती थी जो टायर के अंदर होती थी। लेकिन आज के समय में ज्यादातर गाड़ियां ट्यूबलेस टायर के साथ आती हैं, जिसमें ट्यूब नहीं होता बल्कि हवा सीधे टायर और रिम के बीच भरी जाती है।
ट्यूबलेस टायर क्यों हो रहे हैं ज्यादा पॉपुलर?
ट्यूबलेस टायर ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। जब गाड़ी चल रही होती है और टायर पंचर हो जाए, तब ट्यूब टायर में हवा एकदम निकल जाती है जिससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है। वहीं ट्यूबलेस टायर में अगर पंचर हो भी जाए तो हवा धीरे-धीरे निकलती है, जिससे गाड़ी कुछ समय तक और चलती रह सकती है। इससे सफर में परेशानी कम होती है।
रिपेयर और देखभाल में कौन बेहतर?
ट्यूबलेस टायर को रिपेयर करना ट्यूब टायर की तुलना में आसान होता है। इनके लिए खास टूल्स की जरूरत होती है, लेकिन एक बार सही तरीके से फिट हो जाएं तो इनकी परफॉर्मेंस बेहतर रहती है। हालांकि, इन्हें समय-समय पर चेक करना जरूरी होता है क्योंकि इनमें भी धीमे-धीमे हवा निकल सकती है।
ट्यूबलेस टायर के फायदे और नुकसान
फायदे: पंचर की स्थिति में गाड़ी चलती रह सकती है
कम गर्मी पैदा करते हैं, जिससे टायर की उम्र बढ़ती है
ज्यादा सुरक्षित और टिकाऊ होते हैं
नुकसान: कीमत थोड़ी ज्यादा होती है
रिम में लगाने के लिए खास मशीन की जरूरत होती है
समय-समय पर देखभाल जरूरी है
कितनी होती है ट्यूबलेस टायर की उम्र?
अगर सही तरीके से रखरखाव किया जाए तो ट्यूबलेस टायर 5 साल तक आराम से चलते हैं। हालांकि, टायर की गुणवत्ता, सड़क की हालत और चलाने के तरीके पर इसकी उम्र निर्भर करती है।
अगर आप नई गाड़ी या बाइक खरीदने का सोच रहे हैं तो ट्यूबलेस टायर एक बेहतर विकल्प हैं। ये न सिर्फ सुरक्षित हैं बल्कि लॉन्ग ड्राइव के लिए भी भरोसेमंद हैं।