New UPI Rules 2025: देश में हर दिन करोड़ों UPI ट्रांजैक्शन होते हैं। Paytm, PhonePe, GPay जैसे ऐप्स से लोग रिचार्ज, पेमेंट और ट्रांसफर करते हैं। इस बढ़ते उपयोग को देखते हुए NPCI यानी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने UPI को बेहतर और तेज बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। इनका मकसद है सिस्टम पर अनावश्यक लोड को कम करना, ताकि ट्रांजैक्शन फेल और स्लो होने जैसी दिक्कतें घटें।
क्या-क्या बदल रहा है?
बैलेंस चेक करने पर लिमिट
1 अगस्त से आप अपने खाते का बैलेंस एक दिन में केवल 50 बार ही चेक कर सकेंगे।
लिंक्ड अकाउंट की जांच भी सीमित
अगर आप एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े बैंक खातों को बार-बार चेक करते हैं, तो अब यह आप 25 बार ही कर पाएंगे।
AutoPay के लिए तय होगा टाइम स्लॉट
अब AutoPay जैसे EMI, बिजली-पानी के बिल या Netflix जैसी सब्सक्रिप्शन पेमेंट्स पूरे दिन किसी भी समय नहीं होंगी। इन्हें एक फिक्स समय पर प्रोसेस किया जाएगा। इससे सिस्टम पर भीड़ कम होगी और स्पीड बेहतर मिलेगी।
क्या हर किसी को होगा असर?
हां, ये नियम सभी UPI यूज़र्स पर लागू होंगे, चाहे आप दिन में एक बार ट्रांजैक्शन करें या 20 बार। हालांकि, अगर आप बार-बार बैलेंस चेक या स्टेटस रीफ्रेश नहीं करते, तो आपके लिए कोई परेशानी नहीं होगी।
पेमेंट अमाउंट लिमिट में बदलाव?
नहीं। पेमेंट की अधिकतम लिमिट अभी भी वही रहेगी – आमतौर पर एक बार में 1 लाख रुपये तक। स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी जरूरी कैटेगरी में ये लिमिट 5 लाख रुपये तक है। इसमें फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्या आपको कुछ करने की जरूरत है?
बिल्कुल नहीं। ये बदलाव अपने आप आपके UPI ऐप्स पर लागू हो जाएंगे। आपको बस लिमिट्स का ध्यान रखना है ताकि कोई भी जरूरी काम अटक न जाए।
मर्चेंट्स और दुकानदारों पर क्या असर पड़ेगा?
जो व्यापारी UPI AutoPay का इस्तेमाल करके पेमेंट कलेक्ट करते हैं, उन्हें अब अपने कलेक्शन टाइम को AutoPay स्लॉट के हिसाब से मैनेज करना होगा। हालांकि, सामान्य यूज़र्स को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा Netflix, मोबाइल रिचार्ज, EMI जैसी सर्विसेज पहले की तरह ही चलेंगी।
UPI के ये नए नियम सिस्टम को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए लाए गए हैं। अगर आप थोड़ा सतर्क रहेंगे और लिमिट का ध्यान रखेंगे, तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। 1 अगस्त से पहले खुद को अपडेट कर लीजिए।