लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश में बृहस्पतिवार को प्रांतीय पुलिस सेवा संवर्ग के 15 अपर पुलिस अधीक्षकों के तबादले कर दिए गए हैं। डॉक्टर अर्चना सिंह को अपर पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट कानपुर नगर नियुक्त किया गया है। वहीं धर्मेंद्र सचान को अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस मुख्यालय लखनऊ में तैनाती दी गई है। जबकि मोहिनी पाठक को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अपर पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है।
यूपी की योगी सरकार ने 31 जुलाई करे 15 PPS अफसरों के तबादले कर दिए। सूची में लेडी अफसरों के भी नाम हैं। महेश सिंह अत्रि को अपर पुलिस अधीक्षक पीटीएस मुरादाबाद के पद पर तैनाती दी गई है। इसी तरह प्रमोद कुमार यादव को उपसेनानायक 36वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी के पद पर भेजा गया है। राजेंद्र प्रसाद यादव को अपर पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया गया है। अनूप कुमार को मऊ में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है।
यूपी सरकार ने रंजन सिंह को अपर पुलिस अधीक्षक/ स्टाफ ऑफिसर कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक, (स्थापना), मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, लखनऊ के पद पर नियुक्त किया है। अभय कुमार मिश्र को अपर पुलिस अधीक्षक, सतर्कता प्रतिष्ठान में तैनाती दी गई है। अशोक कुमार यादव को अपर पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू मुख्यालय लखनऊ में नियुक्त किया गया है। कृष्ण कांत सरोज को अपर पुलिस अधीक्षक (अभिसूचना), मेरठ नियुक्त किया गया है।
डॉ. राजीव कुमार सिंह को अपर पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान नियुक्त किया गया है। डॉ. हृदेश कठेरिया को बदायूं का अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बनाया गया है। राहुल मिश्रा को देवरिया में अपर पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) के पद पर तैनाती दी गई है। अरविंद कुमार को अपर पुलिस अधीक्षक, कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक (स्थापना), मुख्यालय पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात किया गया है। कानपुर कमिश्नरेट के लिए भी एक लेडी आईपीएस को भेजा गया है। डॉक्टर अर्चना सिंह को अपर पुलिस उपायुक्त बनाया गया है। डॉक्टर अर्चना सिंह को तेज-तर्राक आईपीएस के तौर पर जाना जाता है।
डॉक्टर अर्चना सिंह 2008 बैच की पीपीएस अधिकारी है। . वह मूल रूप से बस्ती, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं। कुछ साल पहले डॉक्टर अर्चना सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में वह कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी से भिड़ती हुई दिखाई दी थीं। डॉक्टर अर्चना सिंह उस वक्त सीओ थीं और प्रियंका गांधी को आगे बढ़ने से रोका था। तब सीओ अर्चना सिंह ने बताया था कि उनके चहेरे भाई की मौत हो गई थी। लेकिन वीवीआईपी ड्यूटी होने पर उन्हें अवकाश नहीं मिल सका। वह इमानदारी से ड्यूटी की।