Meena Kumari: जिनका असली नाम महजबीन बानो था, का जन्म 1 अगस्त 1933 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता अली बख्श एक मुस्लिम थिएटर कलाकार थे, और मां एक बंगाली क्रिश्चियन थीं। जब महजबीन का जन्म हुआ, तब उनके माता-पिता बेटे की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन बेटी के जन्म से पिता निराश हो गए। उस वक्त घर की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब थी। हालात ऐसे थे कि जन्म के बाद उन्हें अस्पताल की फीस तक देने में मुश्किल हुई, और मजबूरी में पिता ने नवजात बच्ची को एक अनाथालय के बाहर छोड़ दिया। लेकिन कुछ ही देर में उनका दिल पसीज गया और वो वापस जाकर अपनी बेटी को गोद में उठा लाए।
सात साल की उम्र में थाम ली एक्टिंग की राह
मीना कुमारी ने बहुत छोटी उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। सिर्फ सात साल की उम्र में उन्होंने पहली फिल्म फरजंद-ए-हिंद में काम किया। इसके बाद उन्होंने अन्नपूर्णा, सनम, तमाशा, और लाल हवेली जैसी फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया। लेकिन साल 1952 में आई फिल्म बैजू बावरा ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया
परदे पर इमोशन की मल्लिका
मीना कुमारी को इमोशनल सीन करने में महारत हासिल थी। पाकीजा, साहब बीवी और गुलाम, आरती, दिल अपना और प्रीत पराई जैसी फिल्मों में उन्होंने इतने गहराई से किरदार निभाए कि दर्शकों की आंखें नम हो जाती थीं। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कुल चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते, जो उनके टैलेंट को साबित करता है।
अशोक कुमार के साथ बनी सुपरहिट जोड़ी
मीना कुमारी की जोड़ी को सबसे ज्यादा सराहा गया अभिनेता अशोक कुमार के साथ। दोनों ने साथ में कई यादगार फिल्में कीं और उनकी केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आई।
निजी जिंदगी में भी दर्द ही रहा साथी
मीना कुमारी का जीवन जितना फिल्मों में दुखद दिखा, उतना ही असल जिंदगी में भी रहा। वो अकेलापन, टूटे रिश्ते और शराब की लत से जूझती रहीं। अंततः 31 मार्च 1972 को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी यादें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।