Pooja Pal Slam Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित चायल सीट की विधायक पूजा पाल ने एक बार फिर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति पर सीधा हमला बोला है। एएनआई को दिए बयान में उन्होंने साफ कहा कि वे अपने पुराने बयान पर अडिग हैं और सपा ने उनके साथ स्पष्ट रूप से अन्याय किया है। प्रयागराज की महिलाओं की आवाज बनने का दावा करते हुए पूजा पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अतीक अहमद जैसे अपराधियों से शहर को न्याय दिलाया, जबकि सपा ने उनकी पीड़ा को अनदेखा किया। उनके तेवर से साफ है कि यह विवाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।
#WATCH | Expelled SP MLA Pooja Pal says, "…Perhaps you could not hear the women in Prayagraj who were even more worried than me. But I am their voice, I have been elected as an MLA and sent to the Assembly. I am the voice of mothers and sisters who have lost their loved ones.… https://t.co/cnE7hzb0Pe pic.twitter.com/8MaF0iWtZR
— ANI (@ANI) August 14, 2025
प्रयागराज की महिलाओं की आवाज
Pooja Pal ने कहा, “शायद आपने प्रयागराज की उन महिलाओं की आवाज नहीं सुनी, जो मुझसे भी ज्यादा परेशान थीं। लेकिन मैं उनकी आवाज हूं। मुझे विधायक के रूप में चुना गया, विधानसभा भेजा गया। मैं उन माताओं और बहनों का प्रतिनिधित्व करती हूं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।” उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रयागराज को अतीक अहमद जैसे अपराधियों से न्याय दिलाया।
अखिलेश यादव पर सीधा हमला
Pooja Pal ने स्पष्ट कहा, “मैंने दिन 1 से यह कहना शुरू किया था, भले ही मैं पार्टी में थी। आज मुझे पार्टी से निकाला गया है, लेकिन मैं अब भी अपने बयान पर कायम हूं।” उन्होंने याद दिलाया कि वे एक पीड़ित महिला और पत्नी हैं, जिनके पति की दिनदहाड़े हत्या हुई थी।
पीडीए रणनीति पर सवाल
सपा की पीडीए रणनीति को चुनौती देते हुए पूजा पाल ने कहा, “मैं भी एक पिछड़ी जाति से हूं और अन्याय सहने के बाद घर से बाहर निकली। लेकिन सपा ने साबित कर दिया कि वे पीडीए के खिलाफ हैं।” यह टिप्पणी सपा के 2027 चुनावी अभियान पर सीधा प्रहार मानी जा रही है।
सियासी अटकलें तेज
सपा के निष्कासन को उन्होंने सच्चाई बोलने की सजा बताया। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि पूजा पाल भाजपा में शामिल हो सकती हैं, जहां उन्हें योगी सरकार में मंत्री पद या चुनावी जिम्मेदारी मिल सकती है। उनका यह बयान सपा के लिए 2027 चुनाव से पहले गंभीर चुनौती बन सकता है।