GST Cut on Two-Wheelers: दिवाली से पहले आम जनता को एक बड़ी राहत मिल सकती है। खबरों के मुताबिक, सरकार टू-व्हीलर पर लगने वाले टैक्स को कम करने की तैयारी में है। फिलहाल पेट्रोल बाइक और स्कूटर पर 28% GST लगता है। वहीं 350cc से ज्यादा वाली बाइकों पर 3% का अतिरिक्त सेस भी जुड़ जाता है, जिससे टैक्स 31% तक पहुंच जाता है। यही वजह है कि बाइक और स्कूटर की कीमतें लोगों की जेब पर भारी पड़ती हैं। लेकिन अब हालात बदल सकते हैं।
क्या बदलाव होगा?
एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार दिवाली से पहले GST 2.0 लाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत मौजूदा टैक्स ढांचे में बड़ा बदलाव होगा। अभी 12% और 28% वाली दरें लागू हैं, लेकिन इन्हें खत्म किया जा सकता है। नए सिस्टम में सिर्फ दो टैक्स स्लैब रहेंगे।5% (जरूरी सामान) और 18% (सामान्य वस्तुएं)। इसका मतलब है कि टू-व्हीलर पर सीधा 18% GST लागू होगा।
क्यों जरूरी था ये कदम?
ऑटोमोबाइल सेक्टर लंबे समय से मांग कर रहा था कि टू-व्हीलर को “लक्जरी आइटम” नहीं बल्कि “जरूरी साधन” माना जाए। SIAM (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) ने भी सरकार से 18% GST लगाने की सिफारिश की थी। हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसी बड़ी कंपनियां भी कई बार कह चुकी हैं कि भारत में बाइक आम आदमी की जरूरत है। रोज़गार, पढ़ाई और रोज़मर्रा की आवाजाही के लिए दोपहिया वाहन अब ज़रूरी साधन बन चुके हैं।
किसे होगा फायदा?
इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा आम जनता को मिलेगा। टैक्स कम होने से बाइक और स्कूटर की कीमत घटेगी और लोग इन्हें आसानी से खरीद पाएंगे। कंपनियों को भी इसका लाभ मिलेगा क्योंकि टू-व्हीलर की बिक्री बढ़ जाएगी। खासकर ग्रामीण इलाकों और मिडिल क्लास परिवारों में बिक्री तेजी से बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। ज्यादा बिक्री का मतलब है ज्यादा उत्पादन, और ज्यादा उत्पादन से बाज़ार में कैश फ्लो बढ़ेगा। यानी कंपनियों, ग्राहकों और सरकार—तीनों के लिए यह कदम फायदेमंद साबित होगा।
अगर दिवाली तक यह फैसला लागू हो गया, तो टू-व्हीलर खरीदना पहले से आसान हो जाएगा। कम टैक्स का मतलब है कम कीमत और ज्यादा बिक्री। नतीजतन, आम जनता को राहत मिलेगी, कंपनियों की सेल बढ़ेगी और सरकार की आमदनी भी सुरक्षित रहेगी।