Uttar Pradesh Cabinet Meeting: लखनऊ के लोकभवन में मंगलवार, 2 सितंबर 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्रदेश के भविष्य को प्रभावित करने वाले 16 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन से जुड़ा रहा। लंबे समय से वेतन कटौती, देरी और शोषण झेल रहे 6 से 8.5 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को अब इस निगम के माध्यम से स्थिरता और सुरक्षा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, न्यूनतम वेतन 16,000 रुपये तय करने और EPF-ESI जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं देने का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाली इस बैठक में आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के साथ-साथ शिक्षा, निर्यात, उद्योग और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों से जुड़े प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई।
आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS)
यह निगम कंपनीज एक्ट-2013 के तहत पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में गठित होगा। अब सभी सरकारी विभागों, निकायों और शिक्षण संस्थानों में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती निगम के माध्यम से होगी।
- कर्मचारियों का वेतन सीधे बैंक खातों में जाएगा।
- न्यूनतम वेतन 16,000 रुपये होगा।
- 12 आपातकालीन छुट्टियां और 10 दिन का मेडिकल अवकाश मिलेगा।
- EPF, ESI, दुर्घटना और मृत्यु पर आर्थिक सहायता, पेंशन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी।
सरकार को भी लाभ होगा क्योंकि निजी एजेंसियों पर होने वाला 22% अतिरिक्त खर्च कम होगा।
शिक्षा और रोजगार पर फैसले
Uttar Pradesh बैठक में शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय की स्थापना को मंजूरी दी गई। इससे स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा के अवसर मिलेंगे और रोजगार भी सृजित होंगे। इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों के लिए माध्यमिक विद्यालयों में संविदा के बजाय नियमित विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया।
औद्योगिक विकास
Uttar Pradesh सरकार ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को मंजूरी दी। इस नीति का लक्ष्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों और पुर्जों के आयात पर निर्भरता कम करना और प्रदेश को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है। सरकार ने अगले पांच साल में 50 बिलियन डॉलर के उत्पादन और 10 लाख रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा है।
निर्यात और ऊर्जा क्षेत्र
Uttar Pradesh निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे MSME उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, पीएम कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देने और किसानों को लाभ पहुंचाने से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
अन्य प्रस्ताव
बैठक में राज्य विधि आयोग की सेवा शर्तों को केंद्रीय विधि आयोग के समकक्ष करने का प्रस्ताव पास हुआ। इसके साथ ही पर्यटन, स्वास्थ्य और औद्योगिक विकास से जुड़े कई प्रशासनिक प्रस्तावों पर भी मुहर लगी।
2 सितंबर 2025 की यह कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक कही जा सकती है। खासकर आउटसोर्स सेवा निगम के गठन से लाखों कर्मचारियों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा। वहीं शिक्षा, निर्यात और उद्योग से जुड़े फैसले उत्तर प्रदेश को नए विकास पथ पर ले जाने वाले साबित हो सकते हैं।