लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के बहराइच का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एसएचओ और कांग्रेस जिलाध्यक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हो रही है। एसएचओ ने नेता जी को कानून की धाराओं का पहले ज्ञान कराया। जब उन्होंने आंख दिखाई तो यूपी का ये सिंघम आगबबूला हो गया और ऑन-द-स्पॉट कांग्रेस जिलाध्यक्ष की जूते से पिटाई की साथ ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे डाली।
दरअसल, बहराइच जिले के रमवापुर चौराहे पर सोमवार को प्रशासनिक टीम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रही थी। जानकारी मिलने पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंच गए। इस मौके पर उन्होंने गरीब कारोबारियों की ढावली हटाए जाने का विरोध करने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने तत्काल रानीपुर थाने के एसएचओ ब्रह्म गोंड को सूचना दी। सूचना मिलते ही एसएचओ मौके पर पहुंच गए और फिर उनकी कांग्रेस जिलाध्यक्ष से तीखी नोकझोंक हो गई।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष को एसएचओ ने समझाया और चले जाने को कहा, जिस पर वह बिफर पड़े। एसएचओ और जिलाध्यक्ष के बीच विवाद बढ़ गया। जिस पर एसएचओ गुस्से में आकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष को जूते से मारने और मुकदमा दर्ज करने की धमकी देने। इस बीच किसी ने पूरी घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यूपी कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर घटना का वीडियो शेयर कर पुलिस और बीजेपी सरकार की जमकर आलोचना की है। नेता जी और एसएचओ के बीच टकरार का ये वीडियो सोशल मीडिया पर गर्दा उड़ाए हुए है।
कांग्रेस ने पूरे घटना पर एक्स पोस्ट में े लिखा है कि बहराइच के रानीपुर थाना प्रभारी जिसे स्थानीय बीजेपी विधायक और सांसद का संरक्षण प्राप्त है, ने जिलाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह जी के साथ अभद्रता की। वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि गाली-गलौज करते हुए एसएचओ खुलेआम धमकी दे रहा है। बीजेपी सरकार में पुलिस नेताओं की चौखट पर नतमस्तक होकर कांग्रेस के सिपाहियों को धमकाना ही अपनी ड्यूटी समझने लगी है। कांग्रेस के नेता एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कांग्रेसियों का कहना है कि वह पूरे मामले को लेकर आलाधिकारियों से शिकायत दर्ज करवाएंगे।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष शिवेंद्र प्रताप सिंह का आरोप है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान करीब दो दर्जन ढाबलियों में से केवल एक ढावली को निशाना बनाकर तोड़ा गया। पीड़ित की शिकायत पर जब वे मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने उनके साथ अभद्र और अलोकतांत्रिक व्यवहार किया। उन्होंने संबंधित एसएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है। वहीं, एसएचओ रानीपुर ब्रह्म गोंड का कहना है कि रमवापुर चौराहे पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी। एक दुकान के आगे रखी ढावली को समझाकर हटवाया गया था. कांग्रेस जिलाध्यक्ष उस ढावली को दोबारा लगवाने पर अड़े हुए थे, इसी को लेकर विवाद हुआ था।