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Jitiya Vrat 2025: पूजा के बाद धागे का क्या करना चाहिए, जानिए इससे जुड़े नियम

जितिया व्रत के बाद धागा तुरंत नहीं उतारना चाहिए। इसे पवित्र नदी, तालाब, तुलसी या पीपल में विसर्जित करना शुभ माना गया है। कूड़े या अपवित्र जगह पर फेंकना अशुभ होता है।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
September 11, 2025
in धर्म
Jivitputrika Vrat
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Jitiya Vrat 2025:जितिया व्रत का पर्व भारत के प्रमुख व्रत-त्योहारों में से एक माना जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के कुछ हिस्सों में महिलाएँ करती हैं। माताएँ अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए तीन दिनों तक कठोर नियमों के साथ यह व्रत करती हैं। व्रत के दौरान हाथ या गले में जितिया का धागा बांधा जाता है, जिसे माता और संतान के बीच अटूट रिश्ते का प्रतीक माना जाता है।

धागा कब उतारें?

व्रत सम्पन्न होने के तुरंत बाद धागा नहीं उतारना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कम से कम 24 घंटे तक इसे धारण करना आवश्यक है। इसके बाद इसे उतारते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।

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धागा विसर्जन की विधि

मान्यता है कि व्रत के बाद महिलाएँ इस धागे को किसी पवित्र नदी, तालाब या कुएँ में विसर्जित कर सकती हैं। ऐसा करने से जीमूतवाहन का आशीर्वाद मिलता है और संतान पर आने वाली संभावित बाधाएँ दूर होती हैं।

तुलसी या पीपल पर चढ़ाना

जितिया का धागा पीपल या तुलसी के पौधे पर भी चढ़ाया जा सकता है। तुलसी और पीपल को अत्यंत पवित्र माना गया है। इन पर धागा चढ़ाने से संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि बनी रहती है।

घर के पूजा स्थल पर रखना

कुछ महिलाएँ इस धागे को घर के पूजा स्थल पर भी सुरक्षित रखती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और बच्चों पर माँ का आशीर्वाद बना रहता है।

क्या न करें?

धागे को कभी भी अपवित्र स्थान, कूड़े या पैरों के नीचे न आने दें।

धागे का अनादर न करें।

इसे साधारण धागे की तरह कहीं भी न फेंकें।

जितिया व्रत का धागा केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक नहीं, बल्कि माता-संतान के बीच अटूट रिश्ते का द्योतक है। इसे हमेशा श्रद्धा और विधि-विधान से विसर्जित करना चाहिए।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत मान्यताओं पर आधारित है। News1India किसी भी तरह की पुष्टि नहीं करता।

Tags: Jitiya Vrat RuleJivitputrika Vrat
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