Lucknow Religious Conversion: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मिशन शक्ति अभियान के दौरान अधिकारियों ने एक चौंकाने वाला मामला पकड़ा। वक्तौरी खेड़ा और खरगपुर सहित कई गांवों में महिला चौपालों का आयोजन हो रहा था। यहां अधिकारियों ने देखा कि किसी भी महिला ने सिंदूर, चूड़ियां या बिछिया नहीं पहनी थी। हिंदू महिलाओं की पारंपरिक पहचान न होने पर शक गहरा गया। जांच शुरू हुई तो धर्मांतरण का बड़ा खेल सामने आया।
मलखान मैथ्यू निकला सरगना
पुलिस की जांच में पता चला कि यह पूरा खेल मलखान मैथ्यू नामक व्यक्ति चला रहा था। उसने ग्रामीणों को धीरे-धीरे हिंदू परंपराओं से दूर कर क्रॉस पहनने और ईसाई रीति-रिवाज अपनाने के लिए मजबूर किया। महिलाओं ने गले से मालाएं उतार दी थीं और क्रॉस धारण कर लिया था। एसीपी रजनीश वर्मा ने बताया कि सुरक्षा समिति के सहयोग से इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया।
लालच और झांसे से किया जाता था ब्रेनवॉश
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह लोगों को पैसे और इलाज का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता था। सभाओं में ग्रामीणों को कहा जाता था कि मूर्ति पूजा बंद करनी होगी, तभी गॉड आपको आशीर्वाद देंगे। शराब से दूर रहने और रुद्राक्ष की जगह क्रॉस पहनने की बात भी की जाती थी। इतना ही नहीं, क्रॉस को पानी में डालकर उसे पवित्र जल की तरह पीने को कहा जाता था।
व्हाट्सएप ग्रुप से चल रहा था खेल
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गिरोह का सरगना मलखान ने ‘जीसस हीलिंग सभा’ नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसमें ग्रामीणों को जोड़ा जाता था और रोज़ाना संदेश भेजे जाते थे। संदेशों में लिखा होता था कि जितने ज्यादा लोगों को प्रार्थना में शामिल करोगे, उतना ही गॉड से आशीर्वाद मिलेगा। धर्म परिवर्तन के बाद गिरोह उन्हें आर्थिक मदद भी पहुंचाता था। फिलहाल पुलिस इस गिरोह के पैसों के स्रोत की जांच कर रही है।










