Rakesh Tikait News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में कथित ‘फर्जी मुठभेड़’ का मामला गरमा गया है, जिसने स्थानीय पुलिस को कटघरे में ला खड़ा किया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मुरसान थाना पुलिस ने लूट के प्रयास के आरोप में ओमवीर उर्फ सोनू नामक एक युवक के पैर में गोली मार दी थी। इस घटना को लेकर युवक के गांव बढ़ाकला में लगातार पंचायतें चल रही हैं, और शनिवार देर शाम इन पंचायतों को एक नई ऊर्जा मिली जब प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत वहां पहुंचे।
टिकैत ने फर्जी मुठभेड़ में घायल हुए युवक ओमवीर उर्फ सोनू से मुलाकात की और इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में किसान और समर्थक मौजूद थे। उन्होंने स्पष्ट रूप से पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए और इसे अन्याय बताया।
फर्जी मुठभेड़ का घटनाक्रम और पुलिस की किरकिरी
यह घटना 10 अक्टूबर को हुई थी, जब पुलिस ने लूट के प्रयास के आरोप में ओमवीर उर्फ सोनू और देवा नामक दो युवकों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। पुलिस ने एक बयान में कहा कि मुठभेड़ के दौरान सोनू को गोली लगी है। इसके बाद दोनों युवकों को जेल भेज दिया गया।
हालांकि, पकड़े गए युवकों के परिजनों ने तुरंत पुलिस के दावों को झूठा बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक फर्जी मुठभेड़ है। विरोध में, उन्होंने गांव में पंचायतें लगानी शुरू कर दीं, जिसमें जल्द ही विपक्षी दलों की भी एंट्री हो गई। राजनीतिक और सामाजिक दबाव बढ़ने पर पुलिस बैकफुट पर आ गई।
मामले में मोड़ तब आया जब जाट समुदाय की लगातार चल रही पंचायतों और बढ़ते राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस को अपनी कार्रवाई से पीछे हटना पड़ा। पुलिस ने न्यायालय में दोनों युवकों—ओमवीर उर्फ सोनू और देवा—के पक्ष में फाइनल रिपोर्ट (FR) दाखिल कर दी। इसके बाद न्यायालय ने दोनों की रिहाई के आदेश जारी कर दिए। इस यू-टर्न से हाथरस पुलिस की भारी किरकिरी हुई और उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठे।
टिकैत की एंट्री और कार्रवाई की मांग
पुलिस द्वारा युवकों की रिहाई के बावजूद, जाट समुदाय की पंचायतें न्याय और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जारी थीं। इसी क्रम में, शनिवार देर शाम किसान नेता राकेश टिकैत घायल युवक के गांव बढ़ाकला पहुंचे।
पीड़ित युवक ओमवीर उर्फ सोनू के पिता ने रोते हुए Rakesh Tikait के सामने अपनी आपबीती सुनाई, और घायल बेटे ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। Rakesh Tikait ने पीड़ित परिवार को मदद का भरोसा दिया है और इस घटना को लेकर पुलिस प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है। टिकैत की इस सक्रिय भागीदारी से अब यह मामला केवल स्थानीय विवाद न रहकर एक बड़े किसान और राजनीतिक मुद्दे का रूप लेता जा रहा है। उनकी एंट्री ने पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग को और मजबूती प्रदान की है।
25 लाख की लूट: Kasganj के व्यापारी को बेहोश कर जयपुर में फेंका, पुलिस को ‘लेन-देन’ का शक!