Meerut news:मेरठ के सरधना क्षेत्र का छोटा सा गांव कुलंजन इन दिनों गर्व और उत्साह से झूम रहा है। इसकी वजह है अमेरिका के वर्जीनिया प्रांत में गजाला हाशमी का लेफ्टिनेंट गवर्नर बनना। गजाला इस पद पर पहुंचने वाली अमेरिका की पहली मुस्लिम महिला हैं। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने न सिर्फ अमेरिका, बल्कि भारत और मेरठ जिले का भी नाम रोशन कर दिया है।
गांव में मना जश्न, ढोल-नगाड़ों से गूंजा कुलंजन
गजाला हाशमी की सफलता की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरा इलाका उत्सव में बदल गया। ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नाचते हुए मिठाइयां बांटी। घर-घर में खुशियों की लहर दौड़ गई।
गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं। महिलाओं ने गीत गाए और गांव के चौक पर जश्न का माहौल बन गया। हर चेहरे पर गर्व और मुस्कान साफ झलक रही थी।
परिवार ने जताया गर्व
गजाला हाशमी के पति अजहर खान मूल रूप से कुलंजन गांव के जमींदार परिवार से हैं। परिवार के सदस्यों में डॉ. हैदर खान, शादाब खान, मुशाम खान, अलमास खान, फरहा खानम, अनस खान, हुमा खान, मारिया हसन और अशमीरा खान ने गजाला को उनकी इस उपलब्धि पर शुभकामनाएं दीं।
परिवार का कहना है कि यह सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे सरधना और भारत के लिए गौरव का क्षण है।
शिक्षा और दृढ़ संकल्प की मिसाल
डॉ. हैदर खान ने कहा, “गजाला ने साबित किया है कि शिक्षा और दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति दुनिया के किसी भी कोने में इतिहास रच सकता है।”
उनकी यह सफलता मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। वहीं, परिवार की महिलाओं का कहना है कि गजाला का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है, जो आने वाली पीढ़ियों को आगे बढ़ने का हौसला देगा।
मेरठ से भी है खास रिश्ता
गजाला हाशमी का नाता मेरठ शहर से भी जुड़ा है। जैदी सोसायटी निवासी शादाब खान ने बताया कि गजाला उनकी बहन की खाला की बहू हैं। उनकी खाला का परिवार दशकों पहले मेरठ के पुरानी तहसील क्षेत्र में रहता था।
वहीं से यह पारिवारिक रिश्ता शुरू हुआ, जो अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेरठ का नाम रोशन कर गया है।
गांववालों की दुआएं
गांव के बुजुर्गों ने गजाला की सफलता पर दुआ करते हुए कहा कि वे अपने पद पर रहकर समाज, शिक्षा और अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के लिए कार्य करें।
ग्रामीणों का कहना है—“गजाला की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को सिखाएगी कि सपनों को पूरा करने के लिए सीमाएं नहीं, बस हिम्मत चाहिए।”










