नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस अटैक में 10 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, वहीं 30 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। खतरनाक आतंकी हमले के बाद जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं। पुलिस के साथ देश के कई शहरों में ऑपरेशन चलाए हुए हैं। ‘सफेद कॉलर’ टेरर माड्यूल को जमींदोज करने के लिए कई संदिग्धों को पकड़ा भी है। इसी में एक नाम लेडी डॉक्टर शाहीन का है, जिसे जैश की महिला विंग का चीफ बताया जा रहा है। जिहादी शाहीन ने 2900 केजी विस्फोट की व्यवस्था करवाई और काशी से लेकर अयोध्या तक की रेकी भी की। सूत्र बताते हैं कि शाहीन इस विस्फोटक पदार्थ के जरिए केमिकल वेपन तैयार करने की फिराक में थी।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद एनआईए, देश के अन्य राज्यों की एटीएस, पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं। दिल्ली हमले के बाद लगातार ऑपरेशन युपी से लेकर जम्मू-कश्मीर में चलाए जा रहे हैं। पुलिस के हत्थे लगी लेडी डॉक्टर शाहीन ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। सूत्र बताते हैं कि शाहीन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी। उसके डॉक्टर भाई भी आतंकी संगठन से जुड़कर देश को दहलाने की साजिश में लगा हुआ था। शाहीन को जैश ने भारत की महिला विंग का चीफ बनाया हुआ था। शाहीन ने ही विस्फोटक पदार्थ की व्यवस्था करवाई थी। सूत्र बताते हैं कि बरामद विस्फोट बांग्लादेश से नेपाल पहुंचा। फिर नेपाल के रास्ते फरीदाबाद लाया गया। जानकार बताते हैं कि सफेद कॉलर आतंकी गुट भारत के अंदर बड़े हमले का प्लान बनाया हुआ था।
बता दें, ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने अपनी महिला ब्रिगेड में नई भर्ती शुरू की थी। जैश की लेडी विंग की कमान मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर के हाथों में हैं। सादिया ने अफीरा बीवी को संगठन से जोड़ा। अफीरा बीबी 2019 के पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की पत्नी है। उसे इस संगठन की शूरा (सलाहकार परिषद) का सदस्य बनाया गया है। अफीरा बीबी अब जैश प्रमुख मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर के साथ मिलकर जमात-उल-मोमिनात की गतिविधियों को संभाल रही है। ख़ुफ़िया एजेंसी से जुड़े सूत्रों की मानें तो जैश की ये महिला विंग, जैश की विचारधारा फैलाने और महिलाओं को संगठन से जोड़ने का काम कर रही है। सूत्र बताते हैं कि सादिया के संपर्क में शाहीन आई और इसी के बाद वह जैश में शामिल हो गई। सादिया ने शाहीन को भारत का प्रमुख बनाया और अफीरा बीवी के साथ मिलकर भारत के अंदर ब्लास्ट का तानाबाना बुना।
बता दें, जैश का टॉप कमांडर रहा उमर फारूक मार्च 2019 में कश्मीर के दाचीगाम नेशनल पार्क इलाके में भारतीय सेना के ऑपरेशन में मारा गया था। फारूक ही उस कुख्यात पुलवामा आतंकी हमले का मुख्य साज़िशकर्ता था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। सूत्रों की मानें तो जैश अब अपने नेटवर्क को महिलाओं के ज़रिए मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है। अफीरा और सादिया के नेतृत्व में जमात-उल-मोमिनात, महिलाओं को ‘धार्मिक शिक्षा’ और ‘सामाजिक गतिविधियों’ के नाम पर कट्टरपंथी सोच से जोड़ने के मिशन में जुटी हुई हैं। ख़ुफ़िया एजेंसियों की माने तो यह आतंकी संगठन का नया तरीका है, जिससे वह ‘महिला सशक्तिकरण’ का झूठा चेहरा दिखाकर कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ा सकें। डॉक्टर शाहीन के बारे में बताया जा रहा है कि से करीब दो साल पहले जैश के संपर्क में आई और इसने मसूद की बहन से फोन के जरिए बातचीत की।
डॉ. शाहीन शाहिद को 11 नवंबर को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। शाहीन को जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने साथ लेकर चली गई थी। बताया जा रहा है कि जल्द ही उसे दिल्ली लाया जाएगा। जहां एनआईए उसके साथ पूछताछ करेगी। जांच एजेंसियों का मानना है कि जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अज़हर की बहन सादिया अज़हर, जो पाकिस्तान में महिला विंग की प्रमुख हैं, उसने सीधे तौर पर डॉ. शाहीन को यह काम सौंपा था। सादिया का पति यूसुफ अज़हर 1999 के कंधार विमान अपहरण के मास्टरमाइंडों में से एक था और इस साल की शुरुआत में बहावलपुर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारा गया। पति की मौत के बाद सादिया जैश के लिए खुलकर काम करने लगी। उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। पहले सादिया पर्दे में रहते हुए आतंक की नर्सरी को तैयार करती थी। पति की मौत के बाद वह खुलकर जैश में महिलाओं की भर्ती के काम में जुट गई थी।
शाहीन के बारे में सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वह गुप्त रूप से सोशल मीडिया चैनलों के जरिए सीमापार के आतंकियों के संपर्क में थी, जिसका काम भारत में संगठन की गतिविधियों को चलाने के लिए समर्थकों को जुटाकर जैश-ए-मोहम्मद की भर्ती का विस्तार करना था। डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी फरीदाबाद के अल-फ़लाह विश्वविद्यालय से जुड़े डॉक्टरों डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनई और डॉ. उमर यू नबी की गिरफ्तारी के बाद हुई थी। यह ग्रुप लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में शामिल अंतर-राज्यीय आतंकी नेटवर्क का केंद्र था। यूपी एटीएस ने शाहीन के घर पर रेड की और उसके भाई डॉक्टर परवेज अंसारी को अरेस्ट कर लिया। परवेज भी जैश से जुड़ा हुआ था और बहन के खूनी खेल में शामिल था।
कानपुर स्थित गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) के रिकॉर्ड्स के मुताबिक डॉ. शाहीन (शाहिद) सिद्दीकी उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के माध्यम से चयनित होने के बाद 2006 में इस संस्थान में शामिल हुई। बाद में 2009 से 2010 के बीच कन्नौज राजकीय मेडिकल कॉलेज में कुछ समय तक सर्विस की। कॉलेज के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि डॉ. शाहीन 2013 में अनधिकृत छुट्टी पर चली गई और फिर कभी वापस नहीं लौटी। कई नोटिसों के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया, जिसके कारण राज्य सरकार ने 2021 में उसे बर्खास्त कर दिया। यूपी एटीएस ने मंगलवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से उसकी पिछली पोस्टिंग, उपस्थिति और उससे जुड़े सभी आधिकारिक रिकॉर्ड जब्त कर लिए। जांचकर्ताओं ने बताया कि डॉ. शाहीन ने महाराष्ट्र के जफर हयात से शादी की थी, लेकिन 2015 में दोनों का तलाक हो गया।










