Delhi Blast Compensation: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुए विस्फोट के बाद राजधानी में सनसनी फैल गई थी। इस घटना में कई लोग घायल हुए, जबकि कुछ ने अपनी जान भी गंवाई। घटना के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए आर्थिक सहायता का ऐलान किया है। सरकार के मुताबिक, विस्फोट में जान गंवाने वालों के परिवारों को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। जो लोग इस हादसे में स्थायी रूप से विकलांग हो गए हैं उन्हें 5 लाख रुपये, जबकि गंभीर रूप से घायल लोगों को 2 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने वादा किया है कि सभी घायलों का पूरा इलाज सरकार के खर्चे पर कराया जाएगा ताकि किसी को आर्थिक परेशानी न हो।
क्या होती है अनुग्रह राशि?
अनुग्रह राशि किसी कानूनी बाध्यता के तहत नहीं दी जाती, बल्कि यह सरकार या संस्था द्वारा राहत स्वरूप दी जाने वाली आर्थिक मदद होती है। इसका उद्देश्य पीड़ितों और उनके परिवारों को तात्कालिक आर्थिक सहारा देना होता है, ताकि वे कठिन समय में अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकें।
लाल किला विस्फोट जैसी दुखद घटनाओं में सरकार द्वारा दी गई यह राशि प्रभावित परिवारों के इलाज, पुनर्वास और जीवनयापन में मदद करती है। इसे एक प्रकार की मानवीय सहायता माना जाता है, न कि वेतन या आय का हिस्सा।
क्या अनुग्रह राशि पर टैक्स लगता है?
यह सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या इस तरह की सहायता राशि पर इनकम टैक्स देना पड़ता है। टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका जवाब है, नहीं।
टैक्स एक्सपर्ट प्रतिभा गोयल के अनुसार, केंद्र या राज्य सरकार, या किसी स्थानीय निकाय से प्राप्त कोई भी अनुग्रह राशि टैक्स फ्री होती है। मुंबई के प्रसिद्ध टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन ने भी बताया कि यह राहत राशि इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(BC) के तहत पूरी तरह करमुक्त है, बशर्ते कि यह आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत घोषित आपदा से जुड़ी हो।
इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति आतंकवादी हमले, प्राकृतिक आपदा, या किसी बड़े हादसे का शिकार होता है और सरकार उसे राहत के तौर पर कोई आर्थिक मदद देती है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
सरकार की राहत से मिली उम्मीद की किरण
फिलहाल, लाल किला विस्फोट की जांच एनआईए और दिल्ली पुलिस की टीमें कर रही हैं। लेकिन सरकार की यह राहत राशि उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आई है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस हादसे में खो दिया।
यह कदम न केवल संवेदनशीलता दिखाता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि संकट के समय नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा मिले। सरकार का यह फैसला निश्चित तौर पर पीड़ितों के लिए राहत लेकर आया है।










