बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। शुरुआती रुझानों से लेकर अंतिम दौर की गिनती तक, NDA ने बहुमत के आंकड़े को मजबूती से पार करते हुए सरकार बनाने की स्थिति स्पष्ट कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार पाँचवें कार्यकाल की ओर अग्रसर हैं, जिससे बिहार की राजनीति में एक बार फिर स्थिरता की तस्वीर उभर रही है। ज़्यादातर एग्ज़िट पोल्स ने NDA, जिसमें JD(U) भी शामिल है, के लिए क्लीन स्वीप का अनुमान लगाया है। तेजस्वी यादव ने इन अनुमानों को खारिज करते हुए दावा किया है कि महागठबंधन भारी बहुमत से सरकार बनाएगा। भाजपा, जेडी(यू) और लोजपा (रामविलास) वाला एनडीए एक और कार्यकाल के लिए सत्ता में आने की उम्मीद कर रहा है, जबकि विपक्षी दल भारत-चीन गठबंधन, जिसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल प्रमुख घटक हैं, अगली सरकार बनाने की उम्मीद कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक, JD(U) ने इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पीछे छोड़ते हुए अधिक सीटें हासिल की हैं। वहीं महागठबंधन—जिसमें RJD, कांग्रेस और वाम दल शामिल थे—NDA को कड़ी चुनौती देने में नाकाम रहा और रुझानों में काफी पीछे रह गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार के विकास कार्यों, सामाजिक समीकरणों और NDA की संयुक्त रणनीति ने इस चुनाव में बड़ा असर डाला। नीतीश कुमार की “सुशासन” छवि और भाजपा के संगठनात्मक नेटवर्क ने गठबंधन को निर्णायक बढ़त दिलाई।
चुनाव आयोग की अंतिम गिनती पूरी होते ही NDA औपचारिक रूप से नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। यदि सब कुछ तय अनुसार हुआ, तो नीतीश कुमार बिहार के इतिहास में लगातार पाँच बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता बन जाएंगे।




