Muzaffarnagar Sarvkhaap Panchayat: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के सोरम गाँव में आयोजित तीन दिवसीय सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत मंगलवार को संपन्न हो गई, जिसमें देशभर के लगभग 15 हजार किसान, खाप चौधरी और आम नागरिक शामिल हुए। सामाजिक कुरीतियों और बुराइयों पर गहन मंथन के बाद, इस पंचायत में सर्वसम्मति से 11 महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार प्रस्ताव पारित किए गए, जिनका उद्देश्य समाज की दशा और दिशा को बेहतर बनाना है। इन ऐतिहासिक फैसलों में मुख्य रूप से दहेज प्रथा और मृत्यु भोज (तेरहवीं) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का संकल्प लिया गया है।
इसके अलावा, पंचायत ने लिव-इन रिलेशनशिप का पुरजोर विरोध करते हुए प्रेम या कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने का प्रस्ताव भी पारित किया है। इन प्रस्तावों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन भी किया गया है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर सहित कई राज्यों के खाप चौधरी, किसान और आम लोगों को एक मंच पर लाने वाली यह सर्वखाप पंचायत, मुजफ्फरनगर के शाहपुर थाना क्षेत्र के सोरम गांव में आयोजित की गई थी। इस महापंचायत में 36 बिरादरियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बालियान खाप के चौधरी और भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने समापन के बाद इन प्रस्तावों की घोषणा की।
टिकैत ने बताया कि Muzaffarnagar पंचायत का मूल उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों और परंपराओं की समीक्षा करना तथा समाज में फैल रही बुराइयों पर चिंतन करना था।
पारित किए गए 11 मुख्य प्रस्तावों में शामिल हैं:
दहेज प्रथा और मृत्यु भोज (तेरहवीं) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना।
नशाखोरी को समाज से पूरी तरह समाप्त करने का अभियान चलाना।
कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना।
गौ संरक्षण को बढ़ावा देना।
पर्यावरण संरक्षण के तहत, जन्मदिन या किसी परिजन की मृत्यु के अवसर पर एक पेड़ लगाना अनिवार्य होगा।
पंचायतों और सामाजिक निर्णयों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना।
लिव-इन रिलेशनशिप का विरोध करना।
लव मैरिज या कोर्ट मैरिज के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करना।
जल बचाव के लिए जागरूकता फैलाना।
Muzaffarnagar खाप प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि सभी 11 प्रस्तावों पर सर्वसम्मति से सहमति बनी है। इन ऐतिहासिक सुधारों को सफलतापूर्वक अमल में लाने और इनकी निगरानी के लिए एक विशेष कमेटी का गठन भी कर दिया गया है। पंचायत का मानना है कि ये निर्णय न केवल स्थानीय बल्कि संपूर्ण समाज में एक सकारात्मक और प्रगतिशील बदलाव लाएंगे।










