Govt salary pay scale: सरकारी नौकरियों में अक्सर पे-स्केल (Pay Scale) और वास्तविक सैलरी (Take Home Salary) के बीच एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है। एक कर्मचारी का पे-स्केल अगर ₹20,000 है, तो भी उनके खाते में ₹80,000 या इससे अधिक की राशि आ सकती है। यह अंतर बेसिक सैलरी और भत्तों (Allowances) के जटिल गणित के कारण होता है। पे-स्केल केवल न्यूनतम से अधिकतम सैलरी की एक रेंज है, जो पद, जिम्मेदारी और योग्यता के आधार पर पे कमीशन (वर्तमान में 7th Pay Commission) द्वारा तय की जाती है। इसमें महंगाई भत्ता (DA), मकान किराया भत्ता (HRA), और यातायात भत्ता (TA) जैसे कई कंपोनेंट जोड़े जाते हैं, जो कर्मचारी के कुल वेतन को कई गुना बढ़ा देते हैं। इसी कारण शुरुआती सैलरी, पे-स्केल की निचली सीमा से कहीं अधिक होती है।
सरकारी नौकरी में एक कर्मचारी की आय दो मुख्य भागों में बँटी होती है: बेसिक सैलरी और भत्ते (Allowances)। पे-स्केल (Pay Scale) वास्तव में केवल बेसिक सैलरी की रेंज को दर्शाता है, यानी यह न्यूनतम और अधिकतम बेसिक सैलरी की सीमा बताता है।
1. बेसिक सैलरी (Basic Salary)
यह पे-स्केल के भीतर तय की गई वह निश्चित राशि है जिस पर सभी भत्तों की गणना की जाती है। यह कर्मचारी के पे लेवल (Pay Level) पर निर्भर करती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी का पे-स्केल ₹35,400 से ₹1,12,400 (Level 6) है, तो उसकी शुरुआती बेसिक सैलरी ₹35,400 होगी।
2. भत्तों (Allowances) का बड़ा रोल
वास्तविक सैलरी (Gross Salary) को बढ़ाने में भत्तों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA): यह भत्ते में सबसे बड़ा हिस्सा होता है। सरकार बेसिक सैलरी पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में DA देती है। वर्तमान में, यह दर अक्सर 50% से अधिक होती है। DA को जीवन-यापन की बढ़ती लागत (महँगाई) को संतुलित करने के लिए दिया जाता है।
मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance – HRA): यह भत्ता कर्मचारी के निवास स्थान (शहर की श्रेणी) पर निर्भर करता है। यह बेसिक सैलरी का 9%, 18% या 27% हो सकता है।
परिवहन/यातायात भत्ता (Transport Allowance – TA): यह ऑफिस आने-जाने के खर्च को कवर करता है और पद के अनुसार तय होता है।
Level 6 के नए कर्मचारी की आय का अनुमान (उदाहरण)
यह अनुमान Govt salary 7वें वेतन आयोग के तहत और DA की दर 50% मानते हुए, एक X-श्रेणी के शहर (जहाँ HRA 27% मिलता है) के लिए लगाया गया है।
# | घटक (Component) | गणना का आधार (Calculation Basis) | राशि (Amount in ₹) |
1 | बेसिक सैलरी (Basic Salary) | Level 6 की न्यूनतम सीमा | 35,400 |
2 | महंगाई भत्ता (DA) | बेसिक सैलरी का 50% | 17,700 |
3 | मकान किराया भत्ता (HRA) | बेसिक सैलरी का 27% (X-श्रेणी शहर) | 9,558 |
4 | परिवहन भत्ता (TA) | नियमानुसार (पद/स्थान पर निर्भर) | 5,000 |
योग (Total) | |||
I | सकल आय (Gross Salary) | (1 + 2 + 3 + 4) | 67,658 |
इस सकल आय से केवल कुछ कटौती (जैसे PF/NPS, टैक्स) होती है, जिसके बाद ‘इन हैंड’ सैलरी (Take Home Salary) पे-स्केल से कहीं अधिक हो जाती है। इसीलिए ₹20,000 (Level 3 की शुरुआती बेसिक सैलरी लगभग ₹21,700) के पे-स्केल वाले बाबू की शुरुआती आय भी सभी भत्ते जुड़कर ₹50,000-₹80,000 की रेंज में हो सकती है, जो शहर की श्रेणी (HRA) और DA की दर पर निर्भर करता है।
Govt salary पे-स्केल कैसे निर्धारित होता है?
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सीधे सरकार तय नहीं करती, बल्कि इसके लिए गठित पे कमीशन द्वारा सिफारिशें की जाती हैं। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) लागू है। यह कमीशन तीन प्रमुख कारकों के आधार पर अलग-अलग पे लेवल और उनकी सैलरी रेंज तय करता है:
कर्मचारी का पद और ग्रेड (Post / Grade): पद जितना ऊंचा होता है (जैसे क्लर्क की तुलना में ऑफिसर), पे लेवल उतना ही ऊंचा होता है।
नौकरी की जिम्मेदारी (Responsibility): जिस काम में जिम्मेदारी और जोखिम अधिक होता है, उसका पे-स्केल भी अधिक रखा जाता है।
योग्यता और अनुभव (Qualification & Experience): जिन पदों के लिए उच्च शिक्षा और विशेष अनुभव की आवश्यकता होती है (जैसे इंजीनियर, लेक्चरर), उन्हें ऊंचे पे लेवल में रखा जाता है।
आपके द्वारा दिए गए 7th Pay Commission के पे लेवल और सैलरी रेंज का चार्ट, यह स्पष्ट करता है कि जैसे-जैसे पे लेवल बढ़ता है, न्यूनतम और अधिकतम सैलरी की सीमा (पे-स्केल) भी बढ़ती जाती है:
Govt salary पे लेवल | पद का प्रकार | सैलरी रेंज (बेसिक सैलरी) |
Level 1 | चपरासी, हेल्पर | ₹18,000 – ₹56,900 |
Level 6 | सरकारी शिक्षक, इंस्पेक्टर | ₹35,400 – ₹1,12,400 |
Level 13–14 | Joint Secretary, Director | ₹1,23,100 – ₹2,22,000 |
यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि सभी सरकारी कर्मचारियों को उनके पद, जिम्मेदारी और योग्यता के अनुसार उचित और एक समान वेतन ढांचा प्राप्त हो।



