SIR KYC APK file cyber scam: साइबर अपराध की दुनिया में एक नया खतरा सामने आया है, जहाँ जालसाज ‘SIR KYC अपडेट’ के बहाने लोगों को निशाना बना रहे हैं। यह स्कैम लोगों के मोबाइल पर APK (Android Package Kit) फाइल्स के लिंक भेजकर किया जा रहा है, जिससे वे अनजाने में अपने फ़ोन का पूरा नियंत्रण ठगों को सौंप देते हैं।
आगरा में इस तरह की ठगी के 25 से अधिक मामले सामने आने के बाद आगरा पुलिस कमिश्नरेट और साइबर क्राइम टीम अलर्ट पर है। एडीसीपी आदित्य कुमार ने लोगों को विशेष रूप से शादियों के मौसम में निमंत्रण कार्ड के नाम पर आ रहे APK लिंक्स से भी सावधान रहने की सलाह दी है। ये अज्ञात APK फाइल्स एक आम ऐप की तरह दिखती हैं लेकिन बैकग्राउंड में मोबाइल का पूरा एक्सेस ले लेती हैं, जिससे ठग आपके बैंकिंग ऐप्स, मैसेज और डेटा तक पहुँचकर पैसे चुरा सकते हैं। जागरूकता और तत्काल रिपोर्ट ही इस खतरे से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
SIR KYC स्कैम अलर्ट: APK फाइल्स से बचें!
आगरा में जालसाज ‘SIR KYC अपडेट’ के नाम पर लोगों को APK फाइल्स भेजकर ठगी कर रहे हैं। ये फाइल्स मोबाइल का पूरा नियंत्रण साइबर अपराधियों को सौंप देती हैं। पुलिस ने ऐसे लिंक्स को खोलने से बचने और तुरंत साइबर क्राइम को रिपोर्ट करने की चेतावनी दी है।
ठगी का नया तरीका: SIR KYC और डिजिटल निमंत्रण कार्ड
एडीसीपी आदित्य कुमार के अनुसार, साइबर क्रिमिनल समाज में चल रहे नए डिजिटल चलन का फायदा उठा रहे हैं।
SIR KYC अपडेट: ताज़े मामलों में, अपराधी ‘SIR केवाईसी अपडेट’ के नाम पर लिंक भेज रहे हैं।
निमंत्रण कार्ड स्कैम: इसके अलावा, शादियों के सीजन में डिजिटल निमंत्रण कार्ड भेजने के बहाने भी APK फाइल के लिंक भेजे जा रहे हैं। आगरा में इस तरह के 25 से अधिक साइबर ठगी के प्रयास पुलिस के पास पहुँच चुके हैं।
कैसे होता है मोबाइल एक्सेस?
SIR KYC साइबर एक्सपर्ट आदित्य कुमार ने समझाया कि यह ठगी कैसे काम करती है:
जब कोई उपयोगकर्ता साइबर क्रिमिनल द्वारा भेजे गए लिंक से अज्ञात एपीके फाइल को इंस्टॉल करता है, तो वह फाइल मोबाइल में स्टोर हो जाती है।
यह सामान्य ऐप की तरह दिखती है, लेकिन यह बैकग्राउंड में काम करना शुरू कर देती है।
यह ऐप मोबाइल का पूरा एक्सेस ले लेती है और डेटा को थर्ड पार्टी (साइबर क्रिमिनल) के साथ शेयर कर देती है।
एक बार एक्सेस मिलने के बाद, ठग आपके बैंकिंग ऐप्स, कॉल लॉग्स, मैसेज, कैमरा, और ओटीपी तक पहुँच सकते हैं। वे आसानी से पासवर्ड चुराकर या जानकर आपके पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
साइबर क्राइम से बचाव के तीन मंत्र
एडीसीपी आदित्य कुमार ने जनता को साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता पर ज़ोर दिया है:
जागरूकता: अपराध होने से पहले ही सतर्क रहें और किसी भी अज्ञात लिंक या APK फाइल को डाउनलोड न करें।
लालच और डर से बचें: साइबर क्रिमिनल के लालच देने या डराने वाले मैसेज से डरें नहीं। अपनी डिटेल्स किसी पुलिस या अन्य एजेंसी से न छुपाएं।
तत्काल रिपोर्ट: यदि आपके साथ साइबर ठगी हो गई है, तो तत्काल पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराएं।
आगरा में, ट्रांस यमुना कॉलोनी के राजेश अग्रवाल और दयालबाग के कारोबारी अर्पित सिंघल जैसे लोगों ने सतर्कता दिखाते हुए ऐसे लिंक्स को ओपन नहीं किया और तुरंत पुलिस से संपर्क किया, जिससे ठगी टल गई।



