Amit Shah on Naxalism : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का दृढ़ संकल्प जताया है। वहीं माओवादी (CPI-Maoist) के महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ (MMC) कमेटी ने एक पत्र के माध्यम से तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया है कि वे 15 फरवरी, 2026 तक उनकी सुरक्षा अभियानों को विराम दें, ताकि बचे हुए कैडर शांतिपूर्ण तरीके से आत्मसमर्पण कर सकें और सरकारी पुनर्वास योजना का लाभ उठा सकें। पत्र में माओवादी नेतृत्व ने यह भी कहा है कि वे “शस्त्र त्याग” करने को तैयार हैं और उनकी यह मांग है कि राज्य सरकारें उनकी आत्मसमर्पण प्रक्रिया के लिए किसी तरह की मशक्कत न करें, ताकि यह “घटनाहीन आत्मसमर्पण” हो सके।
अमित शाह द्वारा नक्सलवाद को समाप्त करने की तय समयसीमा करीब आने के बीच माओवादी संगठन की महाराष्ट्र–मध्य प्रदेश–छत्तीसगढ़ (MMC) जोनल कमेटी ने एक चौंकाने वाली अपील करते हुए तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध किया है कि वे 15 फरवरी तक अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे तलाशी और सुरक्षा अभियानों को रोक दें, ताकि उनकी ओर से “शांतिपूर्ण और घटनारहित आत्मसमर्पण” संभव हो सके।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि उनकी पार्टी “डेमोक्रैटिक-सेंट्रलिज्म” की प्रक्रिया मानती है, इसलिए निर्णय पूरे संगठन स्तर पर साझा करने में समय लगेगा, इसलिए यह समय-सीमा मांगी गई है। उनके पत्र में यह भी कहा गया है कि वे इस साल PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) सप्ताह नहीं मनाएंगे और किसी तरह की सैन्य कार्रवाई नहीं करेंगे, ताकि विश्वास का माहौल बन सके। माओवादी नेतृत्व ने यह भी अनुरोध किया है कि उनका यह प्रस्ताव और जवाब सरकार की ओर से रेडियो (ऑल इंडिया रेडियो) पर प्रसारित किया जाए, क्योंकि जंगल कैंपों में उनके कैडर तक अन्य संचार साधन नहीं पहुंचते।इसके बावजूद, सुरक्षा बलों ने कहा है कि वे सतर्कता नहीं छोड़ेंगे और कोई भरोसा करते समय भी निगरानी जारी रखेंगे।










