लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात-सात की सजा सुनाई है। जिसके चलते आजम खान जेल के अंदर हैं। ऐसे में अब सपा के नेता बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। अखिलेश यादव भी एक्स के जरिए सरकार पर हल्लाबोल चुके हैं। अब एक नाम और जुड़ गया है। वह नाम है बलिया के सिकंदरपुर समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी का। जिन्होंने आजम खान पर दर्ज मुकदमों और जेल भेजे जाने को लेकर बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने साफ कहा कि आजम खान को ‘कुचलने’ से मुस्लिम नेतृत्व खत्म नहीं होगा। बल्कि नए नेता और बड़ी संख्या में उभरेंगे। रिजवी ने कहा कि आजम खान के खिलाफ सौ से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि उन्होंने पैन कार्ड विवाद और बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र सहित सभी मामलों में अपने दस्तावेज और जानकारी प्रस्तुत की थी। विधायक ने आरोप लगाया, इनका मकसद है कि अतीक अहमद को मार डाला, इनको मार डाला, उनको मार डाला…। अब आजम खान को भी क्रश कर डालो, ताकि एक मुस्लिम नेतृत्व खत्म हो जाए। लेकिन नेतृत्व कभी खत्म नहीं होता, और ज्यादा ताकत के साथ उभरता है।
सपा विधायक ने कहा कि अगर एक आजम खान को समाप्त करने का प्रयास होगा, तो हजार नए आजम खान सामने आएंगे। उन्होंने कहा, एक आजम खान अगर मर जाएगा, तो क्या आजम खान पैदा ही नहीं होंगे। ये सोच गलत है। जनता नए नेताओं को पैदा करती है, दिशा देती है। रिजवी ने इतिहास का उदाहरण देते हुए कहा कि जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद भी देश नहीं रुका। जब नेहरू जी का निधन हुआ, लोग बोले देश नहीं चलेगा। लेकिन लाल बहादुर शास्त्री आए, इंदिरा गांधी आईं, फिर मोरारजी देसाई, देवगौड़ा, चरण सिंह, चंद्रशेखर, और आज मोदी देश चला रहे हैं, और नेहरू से भी अच्छा चला रहे हैं।
रिजवी ने कहा कि आने वाला मुस्लिम नेतृत्व सिर्फ एक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि देशभर में उभरेगा। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां इकरा हसन, कमाल अख्तर, नवाब कासिम अली, नवाब जहान जैसे कई नेता सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, एक नेतृत्व को खत्म करने या दफन करने से दूसरा नेता पैदा होना बंद नहीं होता। यह जनता की जरूरत और इच्छा से तय होता है। रिजवी ने अंत में कहा कि बदले की भावना से राजनीति आज तक सफल नहीं हुई और न आगे होगी। राजनीति सेवा और नेतृत्व से चलती है, प्रतिशोध से नहीं। जो सोचते हैं कि किसी एक नेता को खत्म कर नेतृत्व भी खत्म हो जाएगा, वे गलतफहमी में हैं।








