Political Storm Over Viral Statement: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि साल 2020 में एक उम्मीदवार 2600 वोट से हार रहा था, लेकिन उन्होंने जिलाधिकारी से बात कर उसे जीत दिलवा दी। साथ ही यह भी कहा गया कि इस बार उम्मीदवार 1600 वोट से हार गया, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं दी गई। इस बयान के बाद चुनावी व्यवस्था और लोकतंत्र को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि यह बयान गया जिले के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के मोहनपुर प्रखंड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया था। सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में दिए गए इस बयान में मांझी ने उस समय के जिलाधिकारी का भी जिक्र किया है, जो वर्तमान में त्रिपुरा में तैनात बताए जा रहे हैं। वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
खास बात यह है कि बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले ही विपक्ष लगातार वोट चोरी और चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाता रहा है। ऐसे माहौल में केंद्रीय मंत्री का यह कथित बयान विपक्ष के आरोपों को और हवा देता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वीडियो को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं।
राजद ने जीतन राम मांझी का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने लिखा कि यह भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संरक्षक हैं, जो खुले मंच से चुनाव में हेराफेरी और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की बात कर रहे हैं। राजद ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि अब सच सामने आएगा और लोकतंत्र के नाम पर हो रहे खेल का पर्दाफाश होगा।
राजद का आरोप है कि मांझी इस बार 2025 के चुनाव में टिकारी विधानसभा सीट से हारने और पुराने तरीके दोबारा न दोहरा पाने का अफसोस जता रहे हैं। पार्टी ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या यही लोकतंत्र है। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है।
हालांकि, इस पूरे मामले पर जीतन राम मांझी ने सफाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनके वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे वायरल किया गया है। मांझी ने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि वे मुसहर समाज के बेटे को बदनाम कर देंगे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह किसी से डरने वाले नहीं हैं और सच्चाई अपने आप सामने आएगी।
वहीं, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) के गया जिलाध्यक्ष नारायण मांझी ने कहा कि उन्हें इस तरह के वीडियो के वायरल होने की जानकारी मिली है, लेकिन उन्होंने अभी तक वीडियो नहीं देखा है। उनका कहना है कि वीडियो सुनने और देखने के बाद ही वह इस पर कोई प्रतिक्रिया दे पाएंगे।










