नई दिल्लीः रूस ने चार दिन पहले यूक्रेन पर हमला कर दिया। हालांकि वह इस हमले की तैयारी बीते तीन-चार महीनों से कर रहा था। इस हमले के बाद कई देशो ने इस युद्ध का विरोध करते हुए रूस पर कई तरह के प्रतिबन्ध भी लगाए है। रूस की करेंसी ‘रूबल’ में सोमवार को डॉलर के मुकाबले लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ ने एक दिन पहले ही कुछ रूसी बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंक भुगतान प्रणाली स्विफ्ट से बाहर कर दिया है और व्यक्तिगत रूप से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। रूस के केंद्रीय बैंको से भी पश्चिमी देशों ने लेनदेन पर प्रतिबन्ध लगा दिया है।
G-7 देशों ने रूस को धमकी देते हुए कहा है की अगर रूस यूक्रेन पर अपने हमले अब भी बंद नहीं करेगा तो जो प्रतिबन्ध सारे देशों ने पहले लगाये थे उनमें नए नए नियम बनाने के भी फैसले होंगे और रूस पर कड़े से कड़े प्रतिबन्ध लगाए जाएंगे। G-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका आते हैं। इन्ही सब के दौरान सयुंक्त राष्ट्र की महासभा बुलाई गई जिसमें रूस के ऊपर प्रतिबन्ध लगाने और प्रस्ताव पास करने पर चर्चा हुई और यूरोप के देश, रूस के खिलाफ प्रस्ताव पास करने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहे हैं।
(उज्ज्वल चौधरी)