Agra car theft gang busted : दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों से खेल, चोरी के वाहनों का नया जुगाड़,आगरा में एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो चोरी की गाड़ियों को नया रूप देकर बेचने का धंधा कर रहा था। ये लोग पहले दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों को बीमा कंपनियों से खरीदते थे और फिर उनका चेसिस और इंजन नंबर चोरी की गाड़ियों पर डालकर उन्हें ऊंचे दामों में बेच देते थे। इस खेल से उन्हें हर गाड़ी पर 5 से 6 लाख रुपये का फायदा होता था। पुलिस ने इस गिरोह के दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से दो टाटा सफारी गाड़ियां बरामद की हैं।
कैसे करते थे गाड़ियों की हेराफेरी?
एसटीएफ आगरा यूनिट के निरीक्षक हुकुम सिंह के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आकाश सिंह और अब्दुल समद के रूप में हुई है। आकाश, मूल रूप से बस्ती जिले के थाना हिसामुद्दीन के सेरापार गांव का रहने वाला है, जबकि अब्दुल समद नई आबादी, कर्बला, न्यू आगरा में रहता है।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे बीमा कंपनियों से उन गाड़ियों को खरीदते थे, जो किसी दुर्घटना में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी होती थीं। बीमा कंपनियां इन गाड़ियों का क्लेम भुगतान कर चुकी होती थीं, जिससे उनके असली मालिक उन्हें दोबारा इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। इसके बाद आरोपी उसी मॉडल की कोई दूसरी चोरी की गाड़ी दिल्ली के बाजार से लाते थे और उस पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर डाल देते थे।
यह नया नंबर असली होने के कारण, जब कोई ग्राहक गाड़ी का विवरण ऑनलाइन चेक करता था तो उसे सब कुछ सही दिखता था। इससे लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे और बिना किसी शक के गाड़ी खरीद लेते थे।
हर गाड़ी पर लाखों का मुनाफा
गिरोह के सदस्य बीमा कंपनियों से गाड़ियों को 7 से 8 लाख रुपये में खरीदते थे और फिर उनके नंबर बदलकर उन्हें 12 से 14 लाख रुपये में बेच देते थे। इस तरह हर गाड़ी पर इन्हें लाखों का मुनाफा होता था।
एसटीएफ ने इनके पास से दो टाटा सफारी बरामद की हैं। इनमें से एक दिल्ली से खरीदी गई थी और दूसरी जयपुर से आई थी। ये दोनों अब तक 7 से ज्यादा गाड़ियां बेच चुके हैं।
अब्दुल समद निकला शातिर मैकेनिक
गिरफ्तार आरोपियों में अब्दुल समद पेशे से एक मैकेनिक है। वह चोरी और दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियों के पार्ट्स अपने गैराज में बेचकर भी मोटा पैसा कमा रहा था। यानी, ये सिर्फ गाड़ियां बेचने का ही धंधा नहीं कर रहे थे, बल्कि चोरी की गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स भी बाजार में उतार रहे थे।
पुलिस की नजर, गिरोह का पर्दाफाश
एसटीएफ ने आरोपियों को सिकंदरा इलाके से गिरफ्तार किया और उनके पूरे नेटवर्क की छानबीन की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह के और भी लोग इस रैकेट में शामिल हो सकते हैं, जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
यह गिरोह पूरी प्लानिंग के साथ चोरी की गाड़ियों को असली पहचान देकर बेच रहा था, जिससे आम लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते थे। अब पुलिस जांच कर रही है कि कौन-कौन लोग इनसे गाड़ियां खरीद चुके हैं और कितनी और गाड़ियां इस तरह से बेची गई हैं।
आगरा में एसटीएफ ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा, जो बीमा कंपनियों से दुर्घटनाग्रस्त गाड़ियां खरीदकर, उनके इंजन और चेसिस नंबर चोरी की गाड़ियों पर लगाकर उन्हें ऊंचे दामों में बेच रहा था। इनसे दो गाड़ियां बरामद हुई हैं और अब तक ये 7 गाड़ियां बेच चुके हैं। पुलिस अब इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।