लखनऊ में एंटी करप्शन टीम ने बुधवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए निशातगंज चौकी प्रभारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम की यह कार्रवाई बिल्कुल फिल्मी अंदाज़ में हुई। जानकारी के अनुसार, यह मामला एक गैंगरेप केस से जुड़ा था, जिसमें चौकी प्रभारी ने आरोपी से पैसे लेकर नाम हटाने का सौदा किया था।
एंटी करप्शन टीम की सटीक प्लानिंग
राजधानी लखनऊ के व्यस्त इलाके निशातगंज में यह घटना हुई। यहां एक युवती ने कुछ लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। इस केस में एक कोचिंग सेंटर चलाने वाले युवक प्रतीक गुप्ता का भी नाम सामने आया। प्रतीक ने पुलिस से कहा कि वह निर्दोष है और झूठे केस में फंसाया गया है। लेकिन चौकी प्रभारी ने केस की जांच यानी विवेचना के नाम पर उससे रिश्वत मांगी।
पहले तो इंस्पेक्टर ने 5 लाख रुपये की मांग की, मगर बाद में बात 2 लाख पर तय हुई। प्रतीक गुप्ता को यह बात खटक गई। उसने सीधे एंटी करप्शन विभाग से संपर्क किया और पूरी जानकारी दी। इसके बाद टीम ने एक प्लान बनाया और तय समय पर जाल बिछाया। जैसे ही चौकी प्रभारी ने रिश्वत की रकम ली, एंटी करप्शन टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी के दौरान दिखाए तेवर
सूत्रों के मुताबिक, जब एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया तो उसने टीम पर दबाव बनाने और विरोध करने की कोशिश की। लेकिन अधिकारी पहले से तैयार थे। देखते ही देखते टीम ने इंस्पेक्टर को पकड़कर अपनी गाड़ी में बैठा लिया और पूछताछ के लिए कार्यालय ले गई। इस घटना की खबर जैसे ही फैली, पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
कोचिंग संचालक की पूरी कहानी
प्रतीक गुप्ता ने बताया कि उसकी कोचिंग में एक लड़की काम करती थी, जो करीब चार महीने पहले नौकरी छोड़कर चली गई थी। बाद में उसने महानगर थाने में गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया और प्रतीक का नाम भी इसमें जोड़ दिया। प्रतीक ने बताया कि उसे केस की जांच के लिए बुलाया गया, जहां उसे पता चला कि एक रियाज अहमद नाम के व्यक्ति का नाम भी इसमें शामिल है, जबकि वह उसे जानता तक नहीं।
प्रतीक का आरोप है कि लड़की ने उसे केस से बचाने के बदले 50 लाख रुपये की डिमांड की थी। उसने कहा कि वह 10 लाख देने को तैयार था, लेकिन दूसरी तरफ से जवाब आया कि जब 50 लाख पूरे होंगे, तभी लड़की का बयान बदला जाएगा। इसी बीच चौकी प्रभारी धनंजय सिंह ने भी केस से नाम हटाने के बदले रिश्वत मांगी। इसी के बाद प्रतीक ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत दी, जिसके चलते यह पूरी कार्रवाई हुई।
पूछताछ जारी, कई खुलासों की उम्मीद
फिलहाल एंटी करप्शन विभाग पकड़े गए दारोगा से पूछताछ कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। पुलिस महकमे में इस घटना के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है।
