UP News: गजब के निकले रामबाबू, रंगबाजी से रचाई दूसरी शादी, ‘घरवाली’ ने भी ‘बाहरवाली’ को लगाया गले

करवा चौथ पर्व के बाद अब सोशल मीडिया पर पति-पत्नी के अजब-गजब के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक ऐसा ही वीडियो आगरा का सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां एक ही पति की दीर्घायु की कामना करते हुए उसकी दो पत्नियों ने साथ मिलकर व्रत रखा और पूजा की।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। करवा चौथ पर्व के बाद अब सोशल मीडिया पर पति-पत्नी के अजब-गजब के वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक ऐसा ही वीडियो आगरा का सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। यहां एक ही पति की दीर्घायु की कामना करते हुए उसकी दो पत्नियों ने साथ मिलकर व्रत रखा और पूजा की। परिवार के किसी सदस्य ने वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर दिया, जो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर गर्दा उड़ाए हुए है।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो आगरा के एत्माद्दौला क्षेत्र के नगला बिहारी इलाके का है। यहीं पर रामबाबू निषाद अपनी दो पत्नियों शीला देवी और मन्नू देवी के साथ रहते हैं। करवा चौथ पर रामबाबू ने खासी तैयारी की हुई थी। दोनों पत्नियों को महंगी-महंगी साड़ी खरीदकर लाए हुए थे। करवा चौथ के दिन दोनों ने मिलकर व्रत रखा, चांद को अर्घ्य दिया और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोला। स्थानीय लोग इस नजारे को देखकर हैरान रह गए, वहीं सोशल मीडिया पर लोग इसे समझदारी और प्यार की मिसाल बता रहे हैं।

रामबाबू की पहली शादी करीब दस साल पहले शीला देवी से हुई थी, जिनसे उनके बच्चे भी हैं। कुछ समय बाद उन्हें मन्नू देवी से प्रेम हो गया। बातचीत के सिलसिले ने धीरे-धीरे रिश्ते का रूप ले लिया। फिर दोनों ने मंदिर में विवाह कर लिया। खास बात यह रही कि पहली पत्नी शीला देवी ने इस रिश्ते का विरोध नहीं किया, बल्कि मन्नू को खुले दिल से स्वीकार किया। आज दोनों महिलाएं एक-दूसरे को बहन की तरह मानती हैं और एक ही परिवार में हंसी-खुशी रहती हैं। शीला मन्नू को सौतन के बजाए छोटी बहन मानती है और उनका ख्याल भी रखती हैं।

मन्नू देवी का कहना है, हम दोनों ने मिलकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। हमारे बीच कोई मनमुटाव नहीं है, क्योंकि हमने एक-दूसरे को परिवार की तरह अपना लिया है। शीला देवी के बच्चों को भी मन्नू अपना मानती हैं। रामबाबू निषाद कहते हैं, जहां सच्चा प्यार होता है, वहां झगड़े की कोई जगह नहीं होती। उनका घर इस बात की मिसाल बन गया है कि रिश्तों की मजबूती परंपराओं से नहीं, बल्कि आपसी सम्मान और समझ से तय होती है। रामबाबू कहते हैं कि प्यार कब किसे हो जाए, ये खुद इंसान भी नहीं जानता। हमें भी मन्नू से प्यार हुआ। हमने मन्नू के साथ्र सात फेरे भी लिए।

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