UP News: आजम खान ने कपिल सिब्बल के सामने बयां की हकीकत, बता दिया बेटे अब्दुल्ला के एनकाउंटर सच

कपिल सिब्बल और आजम खान के बीच कमरे में बैठक हुई। इसके बाद दोनों का एक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आजम खान कपिल सिब्बल के हर एक सवाल की जवाब देते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। कपिल सिब्बल के साथ बातचीज के दौरान आजम खान ने जेल में बिताए अपने दिनों का एक दर्दनाक किस्सा साझा किया है।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। यूपी की राजनीति आजम खान का एक वक्त अलग ही दबदबा था। 40 साल के दौरान कई सरकारें आई और गई, लेकिन रामपुर के आजम खान का प्रदेश की राजनीति में जलवा बदस्तूर जारी रहा। लेकिन 2017 में समय ने करवट बदला। जनता को भी पीएम नरेंद्र मोदी पसंद आ गए। सूबे में सपा-बीएसपी का सफाया हो गया और कमल का फूल खिल गया। आजादी के बाद पहली बार प्रदेश की कमान एक संत को सौंपी गई और यहीं से आजम खान और उनकी फैमिली के बुरे दिनों की शुरूआत हो गई। आजम जेल गए। बेटा-पत्नी भी सलाखों के पीछे भेजे गए। हालांकि कोर्ट ने तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया।

जेल से बाहर आने के बाद आजम खान की पत्नी और बेटा खामोस हैं। वह मीडिया में आकर बयान नहीं दे रहे, लेकिन समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान खुलकर बोल रहे हैंमीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं। पांच साल जेल में गुजारे गए समय की चार्जशीट प्रदेश की जनता तक पहुंचा रहे हैं। वह अखिलेश से भी मिले। स्वामी प्रसाद मौर्या भी आजम खान से मिलने के लिए आए। आजम खान भी सबसे मिल रहे हैं और अपने जख्मों को एक-एक कर सबके साथ साझा कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है। वह नाम जानें माने एडवोकेट और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल का है, जो आजम खान से मिलने के लिए गई।

कपिल सिब्बल और आजम खान के बीच कमरे में बैठक हुई। इसके बाद दोनों का एक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आजम खान कपिल सिब्बल के हर एक सवाल की जवाब देते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। कपिल सिब्बल के साथ बातचीज के दौरान आजम खान ने जेल में बिताए अपने दिनों का एक दर्दनाक किस्सा साझा किया है। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए उन्हें सबसे ज्यादा डर अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के एनकाउंटर का सताने लगा था। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा आया जब उन्हें लगा कि शायद उनका बेटा जिंदा वापस नहीं लौटेगा। आजम खान ने ये दावा किया कि उन्हें भी लग रहा था कि शाएद अब जेल से कभी जिंदा बाहर नहीं निकलेंगे। पत्नी को भी मार दिया जाएगा।

आजम खान ने बताया कि शुरू में उन्हें, उनकी पत्नी और बेटे को एक ही जेल में रखा गया था। लेकिन कुछ समय बाद तीनों को अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि यह उस वक्त की बात है जब मुझे और मेरे बेटे को सीतापुर जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट किया जा रहा था। आजम के अनुसार, रात के करीब तीन बजे अचानक पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सोते से जगा दिया और कहा कि ट्रांसफर किया जा रहा है। वह बोले कि यह ऐसा अनुभव था जिसका दर्द हर पिता महसूस कर सकता है। आजम खान ने बताया कि जब उन्हें जेल से बाहर निकाला गया, तो उन्होंने देखा कि उनके लिए एक गाड़ी तैयार थी और बेटे अब्दुल्ला के लिए दूसरी गाड़ी। दोनों गाड़ियों पर हथियारों से लैस पुलिसकर्मी मौजूद थे। कोई बोल नहीं रहा था।

आजम खान ने बताया कि यह देखकर उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि आप मेरे बेटे को अलग गाड़ी में क्यों ले जा रहे हैं। उसे मेरे साथ भेजिए। इस पर अधिकारियों ने कहा कि दोनों की जेलें अलग हैं, इसलिए दोनों को अलग-अलग भेजा जाएगा। आजम ने फिर पूछा कि मेरे बेटे को किस जेल में भेजा जा रहा है। लेकिन अधिकारियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि वहां पहुंचने पर उन्हें पता चल जाएगा। आजम खान ने भावुक होते हुए बताया कि उस रात जब उन्होंने अपने बेटे से गले मिलकर विदा ली, तो उनके दिल में गहरी आशंका थी। उन्होंने कहा कि मैं जेल में रहते हुए एनकाउंटरों की खबरें सुन रहा था। जब मैंने देखा कि मेरे बेटे को मुझसे अलग किया जा रहा है, तो मुझे डर सताने लगा कि कहीं उसे मार न दिया जाए।

आजम खान ने कहा कि बेटे से अलग होने के बाद उनकी सारी रात बेचैनी में बीती। उन्हें अगले दिन तक चैन नहीं मिला, जब तक यह खबर नहीं मिली कि अब्दुल्ला सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वह वक्त उनके जीवन का सबसे कठिन दौर था। एक पिता के रूप में वह उस दर्द को कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि मुझे डर था कि अगर मेरे बेटे के साथ कुछ हो गया, तो मैं कभी खुद को माफ नहीं कर पाऊंगा। उस वक्त बस यही दुआ थी कि मेरा बेटा सही सलामत रहे। आजम खान ने कहा कि मेरे बेटे की जान इंसानों के बजाए ऊपरवाले ने बचाई थी। आजम खान ने कहा कि मेरी भी जान ऊपरवाले के कारण बची। इंसान तो कभी हमसें मिलने ही नहीं आए।

आजम खान ने डंके की चोट पर कहा कि कपिल सिब्बल साहब हम आपके कारण आज खुली हवा में सांस ले रहे हैं। आपने अगर पैरवी नहीं की होती तो शाएद अब भी हम उसी काल कोठरी में रात गुजार रहे होते। बेटा भी जेल में होता। पत्नी भी सलाखों के पीछे होती। आजम खान ने कहा कि आपने जो मदद की, वह हम जीवन भर नहीं भूल सकते। आजम खान ने कहा कि राजनीति और सत्ता के खेल से ऊपर इंसानियत और परिवार का महत्व अब उन्हें और गहराई से समझ में आया है। उन्होंने कहा कि जेल के अनुभव ने उनकी सोच बदल दी है। अब वह सिर्फ अपने परिवार और जनसेवा पर ध्यान देना चाहते हैं।

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