BDA ने पहले घन से मौलाना पर किया पलटवार, फिर 5 करोड़ के रजा पैलेस को कुछ ऐसे 6 घंटे तक रौंदते रहे 4 बुलडोजर

मौलाना तौकीर रजा के करीबी पर बीडीए का बड़ा एक्शन, अवैध बारातघर को 4 बुलडोजर के जरिए किया जमींदोज, 5 करोड़ में बना था रजा पैलेस।

लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। 26 सितंबर से पहले बरेली में मौलाना तौकीर रजा की तूती बोलती थी। एक आवाज पर हजारों लोग मौलाना के लिए सड़क पर उतर आया करते थे। आई लव मोहम्मद को लेकर मौलाना ने भड़काऊ बयान दिए। जिसके बाद मौलाना के बुरे दिनों की शुरूआत हो गई। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा समेत उनके 82 से अधिक उपद्रवियों को सलाखों के पीछे भेजा। गन फायर करने वाले उपद्रवी पुलिस की गोली से घायल हुए। अब मौलाना तौकीर के करीबी डॉ. नफीस के जखीरा मोहल्ले में आवासीय नक्शे पर बनाए गए अवैध बरातघर (रजा पैलेस) पर शनिवार को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) के चार बुलडोजर छह घंटे तक गरजते रहे। उसे जमींदोज करने के लिए सात मजदूरों ने घन भी चलाए गए। दोपहर एक बजे से शुरू हुई कार्रवाई शाम सात बजे तक चली।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, कानपुर में आई लव मोहम्मद के पोस्टर मोहल्लों में चस्प हुए। जिसके बाद ये पोस्टर देश के अन्य शहरों में दिखने लगे। कुछ लोगों ने पोस्टरों का विरोध किया। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। तभी बरेली के मौलाना तौकीर रजा आगे आए और आई लव मोहम्मद को लेकर बड़ा एलान कर दिया। ऐसे आरोप हैं कि मौलाना तौकीर रजा ने बरेली में लोगों को भड़काया। लोगों को हिंसा करने के लिए सड़क पर लाए। आरोप है कि मौलाना के कहने पर बरेली में हिंसा भड़की। उपद्रवियों ने आगजनी की। पुलिस पर फायरिंग की। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दंगाईयों पर कापू किया। फिर मौलाना तौकीर रजा समेत 82 उपद्रवियों को अरेस्ट कर जेल भेजा। तीन उपद्रवी एनकाउंटर के दौरान घायल हुए। फिलहाल अब बीडीए का बुलडोजर रजा के करीबियों पर गरज रहा है।

बीडीए दे चुका था नोटिस

इसी कड़ी में बीडीए पुलिसबल के साथ मौलाना तौकीर रजा के करीबी शनिवार को डॉ. नफीस के जखीरा मोहल्ले के कसाईखाना पहुंची। यहां पर स्थत रजा पैलेस को बीडीए ने ध्वस्त कर दिया। बीडीए के अफसरों ने बताया कि वर्ष 2024 में ही नफीस को पहला नोटिस दिया गया था। पांच माह पहले ही बरातघर के ध्वस्तीकरण का आदेश हो गया था, जिसे अब अमल में लाया गया है। किला पुलिस के साथ पीएसी की टीम ने मौके पर पहुंचकर पहले स्थिति का जायजा लिया। इसके थोड़ी देर बाद जिला प्रशासन और बीडीए की टीम चार बुलडोजरों के साथ पहुंची। बुलडोजर गरजे तो घन लेकर पहुंचे मजदूरों ने भी बरातघर के ऑफिस को गिराना शुरू कर दिया। शाम तक बरातघर जमींदोज हो गया। मौके पर पुलिस के साथ पीएसी मौजूद रही। बुलडोजर की ये कार्रवाई करीब 6 घंटे तक चली।

करीब पांच करोड़ की लागत में बना था बारातघर

जखीरा में रजा पैलेस का अवैध निर्माण से लगभग डेढ़ हजार वर्गमीटर जमीन पर किया गया था। यह जमीन वक्फ की है, जिसके मुतवल्ली शोयेब बेग हैं। जानकारी के मुताबिक, यह हॉल शोयेब के साथ साझेदारी में बनाया गया था। बवाल के मुख्य आरोपियों में शामिल नफीस को शोयेब का रिश्तेदार बताया जा रहा है। हालांकि, किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। रजा पैलेस के जमीन की कीमत और निर्माण की लागत लगभग पांच करोड़ रुपये आंकी जा रही है। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि अवैध तौर पर अर्जित की गई कमाई को इसमें लगाया गया है। डॉ. नफीस के पास खुद की सिर्फ एक चश्मे की दुकान है। इसके अलावा जितनी भी संपत्तियां हैं, वे या तो कब्जे की हैं या वक्फ बोर्ड की हैं।

चौथे बुलडोजर ने मोर्चा संभाला –तब जाकर

रजा पैलेस के छत में पड़ा सरियों का जाल दो घंटे तक सिरदर्द बना रहा। इसके बाद चौथे बुलडोजर ने मोर्चा संभाला। तब जाकर कार्रवाई पूरी हो सकी। दरअसल, बीडीए की टीम तीन बुलडोजरों के साथ बरातघर को तोड़ने पहुंची। एक बुलडोजर ने अंदर घुसकर कार्रवाई शुरू की तो दो बुलडोजर चहारदीवारी गिराने लगे। इसी बीच अंदर के बुलडोजर ने लिंटर को तोड़ने का प्रयास शुरू किया। 15 मिनट की मशक्कत के बाद भी लिंटर नहीं टूटा और उसके साथ एक अन्य बुलडोजर को लगाया गया। इसके बाद भी बात नहीं बनी तो तीन बुलडोजर एक साथ जुटे। सरियों का जाल मजबूत होने की वजह से लिंटर दो घंटे तक टस से मस न हुआ। इसकी सूचना बीडीए के अधिकारियों को दी गई तो शाम को चौथा बुलडोजर पहुंचा। तब ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सका।सीधा लिंटर तोड़ने में जब बुलडोजर नाकाम साबित होने लगे तो एक बुलडोजर ने किनारे से दीवारों को तोड़ना शुरू किया। इसके बाद देखते ही देखते लिंटर कमजोर होकर नीचे की ओर आने लगा और चारों बुलडोजर ने मिलकर रजा पैलेस को ध्वस्त कर दिया।

अवैध तौर पर रजा पैलेस संचालित हो रहा था

बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि आवासीय नक्शा पास कराकर अवैध तौर पर रजा पैलेस संचालित हो रहा था। इसके लिए पांच माह पहले ध्वस्तीकरण के आदेश पारित हो चुके थे। नफीस को पक्ष रखने के लिए पूरा समय दिया गया था। नोटिस जारी करने के बाद एक माह अपील का समय होता है और 15 दिनों का नोटिस देना होता है। यह प्रक्रिया बहुत पहले हो चुकी है। यह प्राधिकरण की रूटीन कार्रवाई है। कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप अमल में लाई गई है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

 

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