Bareilly Firing Case: बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के बरेली स्थित घर के बाहर हुई फायरिंग ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी थी। 11 और 12 सितंबर को लगातार दो दिनों तक अज्ञात शूटरों ने उनके घर के बाहर गोलियां चलाईं। इस वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल हो गया। आज तक/इंडिया टुडे के पास मौजूद सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा कि शूटर 11 सितंबर को फायरिंग कर रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस जांच में सामने आया कि इस फायरिंग में कुल चार शूटर शामिल थे। इनमें से दो बदमाश गाजियाबाद में एनकाउंटर में मारे गए, जबकि बाकी दो नाबालिग शूटरों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ लिया। गिरफ्तारी के दौरान उनके पास से हथियार भी बरामद किए गए। पकड़े गए नाबालिगों से अब पुलिस पूछताछ कर रही है।
विदेश से रची गई साजिश
जांच में खुलासा हुआ कि इस हमले की पूरी साजिश विदेश में बैठे कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा ने मिलकर रची थी। दोनों ने अपने गैंग के जरिए शूटरों को टारगेट दिया और हमला करवाया।
सोशल मीडिया के जरिए भर्ती
सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि दोनों नाबालिग शूटरों को फेसबुक के जरिए गैंग में भर्ती किया गया था। वे सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थे। इसी का फायदा उठाकर रोहित गोदारा गैंग ने उन्हें फंसाया, ब्रेनवॉश किया और फायरिंग करने का काम सौंप दिया। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि दोनों शूटर 11 सितंबर को काले रंग की स्प्लेंडर बाइक पर आए और दिशा पाटनी के घर के बाहर अंधाधुंध फायरिंग की।
इलाके में हड़कंप
फायरिंग की आवाज सुनते ही आसपास अफरा-तफरी मच गई। लोग घरों से बाहर निकल आए और इलाके में डर का माहौल बन गया। पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। अब दोनों नाबालिगों की गिरफ्तारी के बाद मामले में बड़ी प्रगति हुई है।
इस पूरे मामले ने साफ कर दिया कि सोशल मीडिया किस तरह अपराधियों के लिए भर्ती का नया साधन बनता जा रहा है। फेसबुक जैसी प्लेटफॉर्म से नाबालिगों को आसानी से गुमराह कर आपराधिक वारदातों में धकेला जा रहा है।