समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले कुछ महीनों से धार्मिक मुद्दों को लेकर लगातार मुखर रहे हैं। अब उन्होंन बयान दिया है कि बदरीनाथ समेत अनेकों मंदिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाए गए हैँ। यह भी कहा है कि सिर्फ ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे क्यों कराया जा रहा है। अन्य प्रमुख मंदिरों का भी सर्वे होना चाहिए। मौर्य के इस बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने नए विवादों को जन्म देने वाला विशुद्ध राजनीतिक बयान दिया है। मौर्य ने कहा था कि अगर किसी एक बात चलेगी तो फिर सभी की बात चलेगी। हम गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहते हैं।
बहकावे में अब कोई आने वाला नहीं- मायावति
1. समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए, नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान।
— Mayawati (@Mayawati) July 30, 2023
वहीं मायावती ने पलटवार करते हुए कहा कि इस चुनाव के समय इस तरह की बातों से धार्मिक विवाद पैदा होगा। इन बहकावे में अब कोई आने वाला नहीं है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा है कि “समाजवादी पार्टी के नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ताजा बयान कि बद्रीनाथ सहित अनेकों मन्दिर बौद्ध मठों को तोड़कर बनाये गये हैं तथा आधुनिक सर्वे अकेले ज्ञानवापी मस्जिद का क्यों बल्कि अन्य प्रमुख मन्दिरों का भी होना चाहिए। नए विवादों को जन्म देने वाला यह विशुद्ध राजनीतिक बयान हैं”. उन्होंने आगे कहा कि “श्री मौर्य लम्बे समय तक बीजेपी सरकार में मंत्री रहे किन्तु तब उन्होंने इस बारे में पार्टी व सरकार पर ऐसा दबाव क्यों नहीं बनाया? और अब चुनाव के समय ऐसा धार्मिक विवाद पैदा करना उनकी व सपा की घिनौनी राजनीति नहीं तो क्या है? बौद्ध व मुस्लिम समाज इनके बहकावे में आने वाले नहीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौर्य के बयान पर जताई आपत्ति
गौरतलब है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी एक दिन पहले मौर्य के बयान पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम का जिक्र आदिकाल से हमारे पुराणों में होता आया है। धामी ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उत्तराखंड से ताल्लुक रखती हैं। वह यहां की संस्कृति को अच्छी तरह समझती हैं। डिंपल यादव को खुद स्वामी प्रसाद मौर्य को जवाब देना चाहए। मौर्य ने यह भी कहा था कि आठवीं शताब्दी तक बदरीनाथ धाम भी बौद्ध मठ था। आदि शंकराचार्य ने उसे हिंदू मंदिर बनाया था।